फर्रुखाबाद। अमृतपुर विधानसभा सीट से भाजपा नेता ने अपनी ही पार्टी के विधायक के खिलाफ चुनावी रण में ताल ठोक दी। उन्होंने शुक्रवार को नामांकनपत्र भी दाखिल कर दिया। एक दिन पहले ही उन्हें चुनाव संचालन समिति का सदस्य बनाया गया था।
भाजपा ने अमृतपुर विधानसभा सीट से विधायक सुशील शाक्य को फिर प्रत्याशी बनाया है। गुरुवार को वह नामांकन भी कर चुके हैं। भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने गुरुवार शाम जिला चुनाव संचालन समिति की 24 सदस्यीय सूची की है।
इसमें क्षेत्रीय सोशल मीडिया प्रमुख कानपुर मंडल सुरेश राजपूत को सदस्य बनाया गया। शुक्रवार की सुबह सुरेश राजपूत समर्थकों के साथ कलक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र अमृतपुर के आरओ कक्ष में पहुंचकर नामांकन पत्र लिया।
दोपहर को 10 प्रस्तावकों के साथ अमृतपुर विधानसभा क्षेत्र से नामांकनपत्र दाखिल कर दिया। वार्ता के दौरान सुरेश राजपूत ने कहा कि वह भाजपा के पक्ष में हैं और पार्टी के विचार व नीतियों से भी सहमत हैं, लेकिन टिकट आवंटन से असंतुष्ट हैं। इसी वजह से उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पूरी दमदारी से चुनाव लड़ेंगे। भाजपा जिलाध्यक्ष रूपेश गुप्ता इस संबंध में कुछ भी कहने से कतरा गए।
फर्रुखाबाद। अमृतपुर विधानसभा सीट से भाजपा नेता ने अपनी ही पार्टी के विधायक के खिलाफ चुनावी रण में ताल ठोक दी। उन्होंने शुक्रवार को नामांकनपत्र भी दाखिल कर दिया। एक दिन पहले ही उन्हें चुनाव संचालन समिति का सदस्य बनाया गया था।
भाजपा ने अमृतपुर विधानसभा सीट से विधायक सुशील शाक्य को फिर प्रत्याशी बनाया है। गुरुवार को वह नामांकन भी कर चुके हैं। भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने गुरुवार शाम जिला चुनाव संचालन समिति की 24 सदस्यीय सूची की है।
इसमें क्षेत्रीय सोशल मीडिया प्रमुख कानपुर मंडल सुरेश राजपूत को सदस्य बनाया गया। शुक्रवार की सुबह सुरेश राजपूत समर्थकों के साथ कलक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र अमृतपुर के आरओ कक्ष में पहुंचकर नामांकन पत्र लिया।
दोपहर को 10 प्रस्तावकों के साथ अमृतपुर विधानसभा क्षेत्र से नामांकनपत्र दाखिल कर दिया। वार्ता के दौरान सुरेश राजपूत ने कहा कि वह भाजपा के पक्ष में हैं और पार्टी के विचार व नीतियों से भी सहमत हैं, लेकिन टिकट आवंटन से असंतुष्ट हैं। इसी वजह से उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पूरी दमदारी से चुनाव लड़ेंगे। भाजपा जिलाध्यक्ष रूपेश गुप्ता इस संबंध में कुछ भी कहने से कतरा गए।