नौगढ़। वन भूमि पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ बुधवार को जिला प्रशासन ने बड़ा अभियान चलाया। जिलाधिकारी हेमंत कुमार के नेतृत्व में लहसनिया के जंगल में पुलिस, पीएसी और आरपीएसएफ की मौजूदगी में भूमि पर बने कच्चे मकानों को ध्वस्त किया गया। दोपहर एक बजे से शाम छह बजे तक चले अभियान में कुल 80 कच्चे मकान गिराए गए जबकि दस कुंओं को ध्वस्त किया गया। इस दौरान कुल 162 एकड़ को कब्जा मुक्त किया गया। इसके पूर्व अभियान को लेकर प्रशासन ने अत्यंत सतर्कता बरती। नौगढ़ पहुंचने तक इस अभियान की किसी को खबर नहीं होने दी गई। यहां तक कि अभियान के दौरान वनकर्मियों, अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के फोन के स्वीच आफ करा दिए गए।
जयमोहनी रेंज के भैसोड़ कंपार्टमेंट नंबर 14 में 125 एकड़ और भैसौड़ा कंपार्टमेंट में 37 एकड़ भूमि पर पिछले पंद्रह वर्षों से कब्जा बना हुआ है। वर्ष 2003 में प्रशासन द्वारा वन भूमि को कब्जा मुक्त कराने के बाद हुए नक्सली मुवमेंट के बाद प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई नहीं की है। इसका नतीजा यह हुआ कि हौसला बुलंद लोगों ने वन भूमि पर बेखौफ कब्जा किया। विभाग वन भूमि पर हुए कब्जे को हटाने की तैयारी में लगा था। बुधवार को दोपहर बाद अचानक डीएम हेमंत कुमार ने विभागीय अधिकारियों को नौगढ़ चलने का निर्देश दिया। दोपहर एक बजे पहुंचने के बाद उन्होंने आनन फानन में वन विभाग के अधिकारियों, पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ के जवानों को बुलाया और बुलडोजर मंगाया। इसके बाद कब्जा वाली भूमि पर पहुंच कर डीएम, एसडीएम छेदी लाल,उपवनाधिकारी जेपी सिंह, वन क्षेत्राधिकारी विजेन्द्र श्रीवास्तव, वन क्षेत्राधिकारी नरेन्द्र राय, वन क्षेत्राधिकारी चकिया ताराशंकर आदि ने माइक से मकान के लोगों को मकानों से हटने का निर्देश दिया। सब लोग बाहर निकल गए, इसके बाद जेसीबी से मकानों को ध्वस्त किया गया। इस दौरान टीन शेड, तिरपाल, बास बल्ली, कंटीले तारों को जब्त किया गया। वहीं धान की लगी नर्सरी को नष्ट किया गया। यह कार्रवाई शाम छह बजे तक चली। अधिक पुलिस बल की वजह से कोई कुछ नहीं बोल सका।
वन भूमि पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा। खाली भूमि पर पौधरोपण कराया जाएगा। इस वन भूमि को फिर से हरा भरा किया जाएगा। जल्द ही यह घने रूप का आकार ले लेगा।
हेमंत कुमार
जिलाधिकारी
चंदौली
इनसेट-
वन भूमि पर अतिक्रमण किए लोगों पर गुंडा एक्ट के तहत मुकदमा किया जाएगा। वन क्षेत्राधिकारी नरेंद्र कुमार की तहरीर पर बुधवार को 13 लोगों के खिलाफ वन अपराध का मुकदमा दर्ज किया गया है।
संतोष कुमार
एसपी
चंदौली
गोपनीयता इतनी की फोन करा दिया स्वीच आफ
नौगढ़। इस अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत जिला प्रशासन ने अतिगोपनीयता बरती गई। यहां तक कि दोपहर तक किसी को नहीं पता था कि इस तरह का अभियान चलाया जाएगा। दोपहर बाद डीएम ने अचानक नौगढ़ थाने को फोन कर तैयार रहने को कहा। नौगढ़ पहुंचने पर प्रशासनिक अधिकारी, वन विभाग के अधिकारी और सुरक्षा बलों के लोगों के फोन को स्वीच आफ करा दिए, ताकि अभियान के दौरान कोई किसी से बात नहीं कर सके। शाम छह बजे के बाद लोगों के फोन आन हुए।
महिलाओं के गिरगिराने पर भी नहीं पसीजा प्रशासन का दिल
नौगढ़। वन भूमि पर रह रहे लोगों को यह नहीं पता था कि चंद पल में ही उनका आशियाना खत्म हो जाएगा। दोपहर दो बजे अचानक जब माइक से यह चेतावनी दी गई कि लोग अपने घरों से निकल जाए मकानों पर बुल्डोजर चलेगा तो कच्चे मकानों में रह रहे लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई। मकानों को गिरता देख महिलाएं और बच्चे रोने लगे लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के दिल नहीं पसीजे।
15 वर्षों में भूमि खरीद कर बसे थे लोग
नौगढ़। जयमोहनी रेंज में मकानों को बनाकर रह रहे लोग दरअसल भूमि खरीद कर मकानों को बनाया था। डेढ़ दशक पहले रामजी ने वन विभाग द्वारा कराए गए पौधरोपण को नष्ट कर दिया और कंटीले तारों को हटाकर दूसरे तरफ से भूमि की घेरे बंदी कर उसे अपनी भूमि घोषित कर दी। इसके बाद उसने परिचितों, रिश्तेदारों को भूमि बेच दी। न सिर्फ चंदौली जनपद बल्कि मिर्जापुर और सोनभद्र जनपद के लोग भी यहां बसे थे।
दो माह पहले हटा अतिक्रमण लेकिन कब्जा बरकार
नौगढ़।अतिक्रमण अभियान खत्म करने के बाद जिलाधिकारी हेमंत कुमार और एसपी संतोष कुमार, डीएफओ गोपाल ओझा ने अधिकारियों के साथ अमरा भगवती के जंगल में पौधरोपण स्थल का निरीक्षण किया। 28 मई को जिला प्रशासन ने अभियान चलकार 43 हेक्टेयर में भूमि को अक्रिमण मुक्त कराया था और कैंपा योजना के तहत पौधरोण किया था। निरीक्षण के दौरान यहां पर कई मड़इ बनी दिखी। इस पर डीएम भड़क गए और डीएफओ गोपाल ओझा को फटकार लगाई। एसपी चंदौली को फोर्स लगाकर दो दिन के भीतर अतिक्रमण को खाली कराने का निर्देश दिया।