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चौधरी श्याम सिंह ने तहसील सिकंदराबाद पर लहराया था तिरंगा
सिकंदराबाद। तहसील क्षेत्र के महान स्वतंत्रता सेनानी ने अंग्रेजों की गोलियों की परवाह किए बिना तहसील सिकंदराबाद में पर तिरंगा फहराया था। स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाने के कारण वह कई बार जेल भी गए। अंग्रेजों ने उनपर 100 रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
स्वतंत्रता सेनानी चौधरी श्याम सिंह पुत्र दलीप सिंह का जन्म 1880 में तहसील क्षेत्र के गांव गेंदपुर शेखपुर में हुआ था। उनके परपौत्र मनोज कुमार पावड़िया ने बताया कि वह एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। बताया कि जब देश की आजादी के लिए पूरे देश मेें अंग्रेजी सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही थी। उसी दौरान सिकंदराबाद में भी स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। बताया कि पूर्ण स्वाधीनता की घोषणा के बाद क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानियों ने सिकंदराबाद तहसील पर तिरंगा फैलाने की घोषणा की। स्वतंत्रता सेनानियों के मंसूबों के बारे में जानकारी होने पर अंग्रेजी हकुमत ने सिकंदराबाद में भारी पुलिसबल तैनात कर दिया। मगर स्वतंत्रतता सेनानियों ने पीछे हटने से इनकार कर दिया। और तहसील पर तिरंगा फैलाने के फैसले पर अटल रहे। बताया कि स्वतंत्रता सेनानियों के तहसील पर तिरंगा फैहराने के लिए आगे बढ़ने पर पुलिस ने उनपर गोलियां चला दी। लेकिन अंग्रेजी सैनिकों की गोलियों की परवाह नहीं करते हुए उनके बाबा ने श्याम सिंह ने तहसील सिकंदराबाद पर तिरंगा फहराया। बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के कारण वह कई बार जेल भी गए। अंग्रेजों ने उनपर 100 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। बताया कि आजादी के बाद उन्होंने बिलसूरी में श्याम सिंह इंटर कॉलेज की स्थापना की। वही उनके नाम पर गांव में द्वार भी बनाया गया है।