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दोनों नशे के हो गए थे आदी, खर्चों को पूरा करने के लिए करते थे वारदात, जेल गए
कैंट की दो वारदातें खुलीं, वारदातें और भी खुलतीं लेकिन रिपोर्ट ही दर्ज नहीं
बरेली। डेलापीर में महिला से पर्स छीनने के आरोप में पकड़े गए दोनों लुटेरों को मंगलवार को जेल भेज दिया गया। दोनों से पूछताछ में पुलिस ने मोबाइल और पर्स छीनने की तीन घटनाओं का खुलासा किया है। इनमें दो कैंट और एक इज्जतनगर की घटना शामिल है। पूछताछ में दोनों ने बताया कि इनके निशाने पर महिलाएं ही रहती थीं। चूंकि महिलाएं ज्यादा विरोध नहीं कर पाती थी, इसलिए लुटेरे महिलाओं से पर्स व मोबाइल लूटकर भाग जाते थे।
पकड़े गए लुटेरों में महानगर का रहने वाला हिमांशु श्रीवास्तव और सदर कैंट का रंजीत है। दोनों आपस में जीजा-साले हैं। हिमांशु मूलरूप से मुरादाबाद का रहने वाला है। सोमवार शाम को डेलापीर के पास दोनों ने एक महिला से पर्स छीन लिया। महिला ने पीछा किया तो हड़बड़ी में दोनों लुटेरे डिवाइडर से टकराकर गिर गए। इसके बाद भीड़ ने दोनों को पकड़ लिया। दोनों लुटेरों के पास से एक लूट का मोबाइल भी बरामद हुआ। इंस्पेक्टर कैंट राजीव कुमार ने बताया कि बीती छह फरवरी को इन्हीं लुटेरों ने युगवीणा लाइब्रेरी के पास एक युवती से मोबाइल लूटा था। मोबाइल दोनों के पास से बरामद हो गया। इससे पहले ही यह ठग एक महिला का पर्स छीन चुके थे। उसकी रिपोर्ट भी कैंट थाने में दर्ज थी। पूछताछ में पता चला कि लुटेरे वृद्ध महिलाओं या युवतियों से मोबाइल व पर्स छीनते थे। इसकी वजह यह थी कि वृद्ध महिलाएं ज्यादा विरोध नहीं कर पाती थी। पर्स या मोबाइल छीनने के दौरान वह पीछा भी नहीं कर पाती थी। माना जा रहा है कि लुटेरों ने पर्स व मोबाइल छीनने की वारदातें तो कई की लेकिन थानों में रिपोर्ट दर्ज न होने के कारण इनका खुलासा ही नहीं हो सका। पकड़े गए लुटेरों के पास से पुलिस ने तमंचा व एक कारतूस भी बरामद किया। एसएसपी रोहित सजवाण का कहना है कि दोनों लुटेरे नशा करते थे। घरवालों ने इनसे खुद को अलग कर लिया था। नशा व अन्य खर्चे पूरे करने के लिए ये मोबाइल व पर्स लूटा करते थे।
लुटेरों के एक साथी की तलाश
पकड़े गए हिमांशु और रंजीत के अलावा इनका एक साथी भी है। छह फरवरी को युगवीणा लाइब्रेरी के पास मोबाइल लूट की घटना को तीन लोगों ने अंजाम दिया था। कैंट थाने में अज्ञात लुटेरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है। इंस्पेक्टर कैंट राजीव कुमार ने बताया कि दोनों लुटेरों ने पूछताछ में तीसरे साथी का नाम रंजीत बताया है। वह कैंट के ही चैत गौटिया गांव का रहने वाला है। उसकी तलाश में दबिश दी जा रही है।
नानी के साथ रहता है हिमांशु
इंस्पेक्टर बारादरी शितांशु शर्मा ने बताया कि हिमांशु मुरादाबाद का रहने वाला है। उसके पिता का मुरादाबाद में बर्तनों पर पॉलिश करने का कारखाना है। हिमांशु की नानी बरेली के मानसिक अस्पताल में काम करती थीं। रिटायर्ड होने के बाद यहां महानगर में उन्होंने किराये पर मकान ले लिया। हिमांशु और उसकी बहनें यहीं उनके साथ रहने लगीं। हिमांशु के पिता मुरादाबाद में ही रहते हैं।