सीबीआई ने किरन को पांच साल बाद ममता आश्रम से ले जाकर दिल्ली हाईकोर्ट में पेश किया। हाईकोर्ट ने इस मामले में 30 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। सीबीआई ने किरन को पिता के सुपुर्द करने के बाद उसे घर तक छोड़ा। किरन के घर पहुंचते ही मोहल्लेवालों की भीड़ जुट गई। किरन के घर पहुंचने से परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई।
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस सिस्तानी व जस्टिस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने युवती किरन को उसके पिता रामप्रसाद के सुपुर्द कर दिया। बता दें कि किरन को मई 2012 में दिल्ली पुलिस ने सिलाई-कढ़ाई सेंटर की शिक्षिका सुधा के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत पर हिरासत में लिया था। इसके बाद वह रहस्यमय ढंग से गायब हो गई थी। मां ने 23 मई 2012 को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। हाईकोर्ट ने वर्ष 2014 में किरन की तलाश की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी थी।
किरन के पिता रामप्रसाद मूल रूप से जिला प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) के थाना लालगंज अझारा के ग्राम मधुकरपुर के रहने वाले हैं। वह यहां नार्दन रेलवे तुगलकाबाद में टेक्नीशियन के पद पर नौकरी करते हैं। दिल्ली के तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी के क्वार्टर नंबर 86 ए में रहने के दौरान किरन लापता हो गई थी। चार दिन पहले बरेली के पशुपति विहार के रहने वाले समाजसेवी शैलेश कुमार शर्मा ने काउंसलिंग करके किरन के परिवार को सूचना दी तो पता लगा कि उसको सीबीआई की तलाश है। किरन पर सीआईबी ने पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। सोमवार को सीबीआई की टीम रामप्रसाद के साथ किरन को अपने साथ ले गई। रात में रामप्रसाद और किरन को सीबीआई ने ऑफिस में ही रखा। मंगलवार की सुबह किरन को सीबीआई ने हाईकोर्ट में पेश कर दिया। वहां से किरन को उसके पिता के सुपुर्द कर दिया गया।
मेरी बेटी ने पकौड़ी खाई
पिता रामप्रसाद बेटी किरन के मिलने से बेहद खुश हैं। हाईकोर्ट से बेटी मिलने के बाद रामप्रसाद ने फोन पर बताया कि उनकी बेटी ने होईकोर्ट के बाहर पकौड़ी खाईं। उसके चेहरे पर मुस्कान दिखी। किरन की दवाई चल रही है। वह उसे किसी अच्छे डॉक्टर के पास ले जाकर इलाज कराएंगे।
सीबीआई ने किरन को पांच साल बाद ममता आश्रम से ले जाकर दिल्ली हाईकोर्ट में पेश किया। हाईकोर्ट ने इस मामले में 30 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। सीबीआई ने किरन को पिता के सुपुर्द करने के बाद उसे घर तक छोड़ा। किरन के घर पहुंचते ही मोहल्लेवालों की भीड़ जुट गई। किरन के घर पहुंचने से परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई।
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस सिस्तानी व जस्टिस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने युवती किरन को उसके पिता रामप्रसाद के सुपुर्द कर दिया। बता दें कि किरन को मई 2012 में दिल्ली पुलिस ने सिलाई-कढ़ाई सेंटर की शिक्षिका सुधा के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत पर हिरासत में लिया था। इसके बाद वह रहस्यमय ढंग से गायब हो गई थी। मां ने 23 मई 2012 को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। हाईकोर्ट ने वर्ष 2014 में किरन की तलाश की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी थी।
किरन के पिता रामप्रसाद मूल रूप से जिला प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) के थाना लालगंज अझारा के ग्राम मधुकरपुर के रहने वाले हैं। वह यहां नार्दन रेलवे तुगलकाबाद में टेक्नीशियन के पद पर नौकरी करते हैं। दिल्ली के तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी के क्वार्टर नंबर 86 ए में रहने के दौरान किरन लापता हो गई थी। चार दिन पहले बरेली के पशुपति विहार के रहने वाले समाजसेवी शैलेश कुमार शर्मा ने काउंसलिंग करके किरन के परिवार को सूचना दी तो पता लगा कि उसको सीबीआई की तलाश है। किरन पर सीआईबी ने पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। सोमवार को सीबीआई की टीम रामप्रसाद के साथ किरन को अपने साथ ले गई। रात में रामप्रसाद और किरन को सीबीआई ने ऑफिस में ही रखा। मंगलवार की सुबह किरन को सीबीआई ने हाईकोर्ट में पेश कर दिया। वहां से किरन को उसके पिता के सुपुर्द कर दिया गया।
मेरी बेटी ने पकौड़ी खाई
पिता रामप्रसाद बेटी किरन के मिलने से बेहद खुश हैं। हाईकोर्ट से बेटी मिलने के बाद रामप्रसाद ने फोन पर बताया कि उनकी बेटी ने होईकोर्ट के बाहर पकौड़ी खाईं। उसके चेहरे पर मुस्कान दिखी। किरन की दवाई चल रही है। वह उसे किसी अच्छे डॉक्टर के पास ले जाकर इलाज कराएंगे।