रेवती। ठेला पर अस्पताल ले जा रहे मरीज प्रकरण में मरीज के पिता की मौत सोमवार की सुबह हृदय गति रुकने के कारण हो गई जबकि मरीज का इलाज वाराणसी में चल रहा है।
वार्ड नं 10 निवासी शिवजी तुरहा के एकलौता पुत्र जितेंद्र को बीते शुक्रवार की सुबह अचानक सिर में तेज दर्द तथा बुखार हुआ। परिजनों द्वारा उसे सीएचसी रेवती पहुंचाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को जिला चिकित्सालय के लिए रेफर किया गया। एम्बुलेंस को सूचना देने के घंटों बाद भी नहीं पहुंचा। जिसके बाद परिजन मरीज को ठेले पर लेकर बलिया के लिए रवाना हो गए। इस प्रकरण को लेकर सीएचसी रेवती पर स्वास्थ्यकर्मियों व नगरवासियों ने एक दूसरे के विरोध में धरना प्रदर्शन किया था। बताया जाता है कि पुत्र जितेंद्र की तबियत बिगड़ने और संबंधित घटनाओं के दिन ही उसके पिता शिवजी तुरहा (65) को हृदय घात हो गया था, जिसकी दवा चल रही थी। एकलौते बेटे के वाराणसी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुत्र का इलाज तथा दवा आदि के नित्य के खर्च आदि के कारण पिता शिवजी पर इतना गहरा असर पड़ा कि सोमवार की सुबह उनकी जान चली गई। उसकी पत्नी डेढ़ वर्ष पहले ही मर चुकी है।
रेवती। ठेला पर अस्पताल ले जा रहे मरीज प्रकरण में मरीज के पिता की मौत सोमवार की सुबह हृदय गति रुकने के कारण हो गई जबकि मरीज का इलाज वाराणसी में चल रहा है।
वार्ड नं 10 निवासी शिवजी तुरहा के एकलौता पुत्र जितेंद्र को बीते शुक्रवार की सुबह अचानक सिर में तेज दर्द तथा बुखार हुआ। परिजनों द्वारा उसे सीएचसी रेवती पहुंचाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को जिला चिकित्सालय के लिए रेफर किया गया। एम्बुलेंस को सूचना देने के घंटों बाद भी नहीं पहुंचा। जिसके बाद परिजन मरीज को ठेले पर लेकर बलिया के लिए रवाना हो गए। इस प्रकरण को लेकर सीएचसी रेवती पर स्वास्थ्यकर्मियों व नगरवासियों ने एक दूसरे के विरोध में धरना प्रदर्शन किया था। बताया जाता है कि पुत्र जितेंद्र की तबियत बिगड़ने और संबंधित घटनाओं के दिन ही उसके पिता शिवजी तुरहा (65) को हृदय घात हो गया था, जिसकी दवा चल रही थी। एकलौते बेटे के वाराणसी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुत्र का इलाज तथा दवा आदि के नित्य के खर्च आदि के कारण पिता शिवजी पर इतना गहरा असर पड़ा कि सोमवार की सुबह उनकी जान चली गई। उसकी पत्नी डेढ़ वर्ष पहले ही मर चुकी है।