बहराइच। जिले की नगर निकायों में अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद कमान प्रशासकों के हाथों सौंप तो दी गई है लेकिन व्यवस्था पटरी पर नहीं लौटी। हालात ये हैं कि जिले की दो नगर पालिका व दो नगर पंचायतों में दाखिल खारिज के 50 वाद लंबित हैं। जबकि नगर पालिका सदर में करीब 45 लाख से अधिक का काम टेंडर न होने से अटका हुआ है। वहीं अन्य जगहों का भी यही हाल है। इससे करोड़ों का काम बाधित पड़ा है। वहीं जरूरी कार्य निपटाने के लिए लोगों अब को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
सोमवार को अमर उजाला टीम ने जब निकायो के हालत का जायजा लिया तो हकीकत सामने आई। शहर में नगर पालिका सदर के अधिशासी अधिकारी बालमुकुंद मिश्रा अवकाश लेकर जिले से बाहर थे। मोबाइल पर उन्होंने बताया कि शहर में नगर पालिका का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही सभी कार्य पूरे करा लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि करीब 40 से 45 लाख टेंडर की प्रक्रिया पूरी न होने से रुक गए थे। इन टेंडरों की प्रक्रिया के दौरान महज एक ही आवेदन आया था। इसलिए मानक के अनुसार टेंडर की प्रक्रिया पूरी न होने पर इसे कैंसिल कर दिया गया था। टेंडरों की प्रक्रिया दोबारा कराई जाएगी।
सोमवार को नगर पालिका नानपारा की अधिशासी अधिकारी रेनू यादव ने सुबह दस बजे से कार्यालय में उपस्थित होकर लोगों की समस्याओं का निस्तारण कराया। ईओ यादव ने बताया कि नगर के विकास कार्य के लिए जो पहले टेंडर पड़े थे उनका कार्य लगभग पूरा हो गया है। कुछ क्षेत्रों की नाली निर्माण की निविदा प्रकाशित की गई है। इसकी प्रक्रिया पूरी होने के बाद शीघ्र कार्य शुरू करा दिया जाएगा। दाखिल-खारिज के मामले में उन्होंने बताया कि 20 से 25 आवेदन आए हैं जिनकी जांच चल रही है। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद दाखिल-खारिज का कार्य कर दिया जाएगा।
सोमवार को नगर पंचायत जरवल में भी अधिशासी अधिकारी कार्यालय में बैठे मिले। उन्होंने बताया कि उनके नगर पंचायत क्षेत्र में निकाय का कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व ही सभी कार्य करा दिए गए थे। दाखिल-खारिज में मामले में भी कोई आवेदन लंबित नहीं हैं। महज चार से पांच आवेदनों में जांच की प्रक्रिया चल रही है। जांच के बाद उसे भी पूरा करा दिया जाएगा।
रिसिया नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सूर्यकांत सोमवार को कार्यालय से नदारद मिले। यहां अपने कार्य के लिए पहुंचे कुछ फरियादियों में से सुधीश, मनोज, सरोज, धनराज आदि ने बताया कि ईओ कभी भी कार्यालय में नहीं मिलते। इससे दाखिल-खारिज आदि कार्य अधर में लटका है। कई कर्मचारियों ने बताया कि ईओ के नदारद रहने के कर्मचारियों का वेतन भी फंसा है। यहां पर मौजूद प्रधान लिपिक राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि नगर पंचायत का कार्यकाल पूरा होने से पूर्व ही सारे कार्य करा लिए गए है। उन्होंने बताया कि दाखिल-खारिज के दो आवेदनों को दो दिन पूर्व ही निस्तारित कर दिया गया था। चार बचे थे उनके निस्तारण की प्रक्रिया चल रही है।