बहराइच। जाति आधारित जनगणना को मोदी सरकार ने सार्वजनिक किया है। इसमें बहराइच जनपद की जनगणना में बहराइच और नानपारा शहर में मुस्लिम आबादी के बढ़ने के आंकड़े सामने आए हैं, जबकि जिले में हिंदू आबादी के सापेक्ष साठ फीसदी मुस्लिम आबादी होने की पुष्टि हुई है। जिले की जनसंख्या में दस साल के अंदर हो रहे इजाफे से लोग हतप्रभ हैं।
वर्ष 2001 में बहराइच की आबादी लगभग 23 लाख के करीब थी। वर्ष 2011 में कराई गई जनगणना के बाद आबादी में 11 लाख का इजाफा हुआ है।
अब जिले की जनसंख्या 34 लाख 87731 है। बहराइच शहर में कुल आबादी दो लाख 84 हजार है। इसमें नगरपालिका क्षेत्र में एक लाख 86 हजार की आबादी है, जिसमें 78966 हिंदू और एक लाख मुस्लिम है। जबकि 571 ईसाई और 718 सिक्ख व 654 जैन भी रहते हैं।
नानपारा नगरपालिका क्षेत्र में 48337 जनसंख्या है, जिसमें हिंदू आबादी 13 हजार और मुस्लिम आबादी 35 हजार के करीब है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी तेजी से बढ़ी है।
यहां दस साल के अंदर 32 लाख की आबादी हो गई है, जबकि वर्ष 2001 में यहां की आबादी महज 18 लाख थी। जातिगत आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद आबादी में हो रही बढ़ोत्तरी से लोग सोचने को जरुर मजबूर हो गए हैं।
इसी तरह जनसंख्या बढ़ी तो नहीं रुकेगी महंगाई
सीमावर्ती महाविद्यालय रुपईडीहा की समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सीमा सिंह ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि के जो आंकड़े केंद्र सरकार ने पेश किए हैं, यह काफी भयावह है। बहराइच की आबादी भी लगभग डेढ़ गुना बढ़ चुकी है। इस पर समाज के सभी वर्ग के लोगों को सोचना होगा। जब तक जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश नहीं लगेगा, महंगाई भी नहीं रुकेगी। अभिभावक बच्चों की परवरिश भी सही तरीके से नहीं कर सकेंगे।