बहराइच। जिले में तीन दिन तक लगातार हुई मूसलाधार बारिश से धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार पूरे जिले में धान की 50 प्रतिशत और अरहर की फसल खराब हुई है। इसको लेकर किसान काफी चिंतित हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक क्रॉप कटिंग के बाद किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।
तराई के बहराइच जिले में तीन दिन लगातार मूसलाधार बारिश हुई। बारिश के साथ ही तेज हवाएं चलने से धान की फसल खेतों में गिर गई। वहीं, बाढ़ आने से भी धान की फसल में पानी भर गया है। किसानों के नुकसान को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने कृषि विभाग के अधिकारियों को सर्वे करने का निर्देश दिया था। उप कृषि निदेशक टीपी शाही ने बताया कि जिले में 72 घंटे का सर्वे कार्य हुआ।
इसमें अधिकारियों के साथ राजस्वकर्मी व कृषि विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर जाकर सत्यापन किया। सर्वे में पूरे जिले में धान की 50 प्रतिशत फसल खराब पाई गई। इनमें सर्वाधिक पयागपुर ब्लॉक में 62 तो मिहींपुरवा ब्लॉक में 58 प्रतिशत बर्बादी हुई है। उन्होंने बताया कि किसानों को धान, अरहर और मक्का की फसल के क्षतिपूर्ति ही मिलेगी। उप कृषि निदेशक ने बताया कि अब भी ग्राम पंचायतों से लेखपालों की रिपोर्ट आ रही है। ऐसे में नुकसान का दायरा घटने के साथ बढ़ भी सकता है।
ब्लॉक नुकसान (प्रतिशत में)
पयागपुर 62 प्रतिशत
मिहींपुरवा 58 प्रतिशत
फखरपुर 54 प्रतिशत
बलहा 37 प्रतिशत
रिसिया 28 प्रतिशत
शिवपुर 40 प्रतिशत
महसी 42 प्रतिशत
धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है। इसका सर्वे भी किया गया है। स्थलीय सर्वे और धान की कटाई का कार्य 25 अक्तूबर से 15 नवंबर तक चलेगा। इसके बाद किसानों को नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा।
- सतीश कुमार पांडेय, जिला कृषि अधिकारी
बहराइच। जिले में तीन दिन तक लगातार हुई मूसलाधार बारिश से धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार पूरे जिले में धान की 50 प्रतिशत और अरहर की फसल खराब हुई है। इसको लेकर किसान काफी चिंतित हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक क्रॉप कटिंग के बाद किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।
तराई के बहराइच जिले में तीन दिन लगातार मूसलाधार बारिश हुई। बारिश के साथ ही तेज हवाएं चलने से धान की फसल खेतों में गिर गई। वहीं, बाढ़ आने से भी धान की फसल में पानी भर गया है। किसानों के नुकसान को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने कृषि विभाग के अधिकारियों को सर्वे करने का निर्देश दिया था। उप कृषि निदेशक टीपी शाही ने बताया कि जिले में 72 घंटे का सर्वे कार्य हुआ।
इसमें अधिकारियों के साथ राजस्वकर्मी व कृषि विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर जाकर सत्यापन किया। सर्वे में पूरे जिले में धान की 50 प्रतिशत फसल खराब पाई गई। इनमें सर्वाधिक पयागपुर ब्लॉक में 62 तो मिहींपुरवा ब्लॉक में 58 प्रतिशत बर्बादी हुई है। उन्होंने बताया कि किसानों को धान, अरहर और मक्का की फसल के क्षतिपूर्ति ही मिलेगी। उप कृषि निदेशक ने बताया कि अब भी ग्राम पंचायतों से लेखपालों की रिपोर्ट आ रही है। ऐसे में नुकसान का दायरा घटने के साथ बढ़ भी सकता है।
ब्लॉक नुकसान (प्रतिशत में)
पयागपुर 62 प्रतिशत
मिहींपुरवा 58 प्रतिशत
फखरपुर 54 प्रतिशत
बलहा 37 प्रतिशत
रिसिया 28 प्रतिशत
शिवपुर 40 प्रतिशत
महसी 42 प्रतिशत
धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है। इसका सर्वे भी किया गया है। स्थलीय सर्वे और धान की कटाई का कार्य 25 अक्तूबर से 15 नवंबर तक चलेगा। इसके बाद किसानों को नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा।
- सतीश कुमार पांडेय, जिला कृषि अधिकारी