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आजमगढ़: छह दिन बाद भी बारिश के पानी से इलाके जलमग्न, कीचड़ से फैल रही बदबू, बिजली आपूर्ति भी बहाल नहीं

अमर उजाला नेटवर्क, आजमगढ़ Published by: गीतार्जुन गौतम Updated Wed, 22 Sep 2021 08:44 PM IST
सार

आजमगढ़ जिले के कई इलाकों में कीचड़ के गंदे पानी से परेशान हैं। जलमग्न इलाकों को अभी भी राहत नहीं मिल सकी है। साथ ही तमसा नदी के उफनाने से चिंता बढ़ गई है।

रोडवेज बाइपास के पास तमसा नदी का पानी फैला।
रोडवेज बाइपास के पास तमसा नदी का पानी फैला। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

आजमगढ़ जिले में गुरुवार की बरसात से हुए जलभराव से छह दिन बाद भी राहत नहीं मिल पाई है। मातबरगंज, पूर्वी सिधारी, कोलबाजबहादुर, परानापुर, घोरठ, हाफिजपुर, नीबी, मुहम्मदल्ला के बाशिंदे कीचड़ और जलभराव से परेशान हैं। कुछ इलाकों में तो विद्युत आपूर्ति भी बहाल नहीं हो पाई है।



गुरुवार की बारिश के बाद पूरा शहर जलमग्न हो गया था। ऐसा नहीं कि इस बार रिकार्ड बारिश हुई लेकिन नालों की ठीक से सफाई नहीं होने और नाले-नालियों पर अतिक्रमण के चलते जलभराव हुआ था। शहर के अन्य हिस्सों से तो पानी निकल गया लेकिन मातबरगंज, पूर्वी सिधारी, कोलबाजबहादुर, परानापुर, घोरठ, हाफिजपुर, नीबी, मुहम्मदल्ला आदि मुहल्लों में छह दिन बाद भी पानी नहीं निकला है।


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सीवर के पानी से उठती है दुर्गंध
शहर के अन्य हिस्सों के सीवर का पानी भी इन मुहल्लों में भरा हुआ है। उसमें से अब दुर्गंध उठने लगी है। इन इलाकों में  बिजली आपूर्ति भी बहाल नहीं हो सकी है। नगर पालिका इन इलाकों से जल निकासी की व्यवस्था नहीं कर पाया है। पेयजल दूषित हो गया है। मजबूरी में लोग खाने-पीने की वस्तुओं की खरीद के लिए सीवर के पानी के बीच से होकर आ-जा रहे हैं।

तमसा नदी भी उफान है। नदी रिंग बंधे से सटकर बह रही है। इस वजह से बांधे के रेगुलेटर बंद कर दिए गए हैं और सीवर नदी में नहीं जा रहा है। कुछ इलाकों में पंप लगाकर पानी निकाला जा रहा है लेकिन यह प्रयास नाकाफी साबित हो रहा है।

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संक्रामक रोगों का खतरा
शहर के मातरगंज से समेत कई मुहल्लों में सीवर का पानी जमा पड़ा है। इन इलाकों में संक्रामक जनित रोगों का खतरा उत्पन्न हो चुका है। वहीं अभी तक किसी भी जलमग्न क्षेत्रों में फांगिंग आदि का काम नहीं शुरू हो सका। समय रहते दवाओं का छिड़काव कराया जाना बेहद जरूरी है। 

अंधेरे में डूबे हैं दर्जनों इलाके
भारी बारिश के बाद से कई इलाकों में छह दिन बाद भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी है। घरों में कैद बूढ़े-बच्चे, महिलाओं का जीवन बदतर हो चुका है। शाम होते ही शहर के आंशिक मातबरगंज, पूर्व सिधारी, कोलबाजबहादुर, परानापुर, घोरठ, हाफिजपुर, नीबी, मुहम्मदल्ला, आदि गांव अंधेरे में डूबे नजर आते हैं। लोगों की नींद नहीं पूरी हो पा रही है। जिला प्रशासन से लोग मांग कर रहे है कि जल्द ही आपूर्ति बहाल कर व्यवस्था को पटरी पर लाया जाए। 
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