आजमगढ़। राष्ट्रीय लोकदल के तत्वावधान में गुरुवार को कलेक्टरी कचहरी हाल में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का जन्मदिन मनाया गया। इस अवसर पर लोगों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके जीवन पर चर्चा की।
प्रांतीय महासचिव किसान प्रकोष्ठ पतिराम यादव ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को शोषित दलित जनता के मसीहा थे। जिस जमाने में जमींदारी प्रथा कायम थी, उस जमाने में उन्होंने प्रदेश का नेतृत्व करते हुए शोषित-दलित लोगों के लिए आवाज उठाई। सदैव दूसरों के लिए आवाज उठाते हुए उन्होंने समाजवादी धारा का प्रखर किया। आप आपातकाल में जेल भी गए। प्रदेश सचिव राष्ट्रीय लोकदल रामिलन चौहान ने कहा कि जात-पात को ताक पर रखकर बाधाओं से लड़कर मुख्यमंत्री की कुर्सी उस समय प्राप्त की, जब बड़ों का बोलबाला था। कर्पूरी ठाकुर हर समाज में अपनी छाप छोड़ते और समाज के दुख में भागीदार होते। अकील अहमद ने कहाकि आज कर्पूरी ठाकुर जैसे लोगोें की कमी खल रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मो. महमूद खा ने किया। इस मौके पर मु. शाबिर, अमित पाठक, टीए शास्त्री, रामपलट चौहान, अमरजीत यादव, तेजबहादुर सिंह आदि उपस्थित रहे।
उधर, नाई समाज कल्याण समिति के तत्वावधान में भी गुरुवार को स्व. कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर डा. अंबेडकर पार्क में सभा कर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही उनके सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लिया। पूर्वांचल प्रभारी अवधेश शर्मा एडवोकेट ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर नाई समाज के ही नहीं बल्कि पिछड़ों, दलितों और मजूदरों के मसीहा रहे। आज नाई समाज के नौजवानों का यह नैतिक कर्तव्य बनता है कि उनके बताए हुए रास्ते पर चलकर कर्पूरी ठाकुर जैसा कीर्तिमान स्थापित करें। इस मौके पर राजेंद्र शर्मा, तारकेश्वर शर्मा, नंदलाल शर्मा, रविकांत शर्मा, मुख्तार सलमानी, तारिक सलमानी, सफीक सलमानी, छोटू भाई, रिंकू शर्मा, हौसिला शर्मा, चंद्रभूषण, सुरेश शर्मा, बृजराज शर्मा, रमेश शर्मा, जयहिंद शर्मा, राजनाथ शर्मा, रवींद्र शर्मा, रामबचन शर्मा, देवी प्रसाद शर्मा, गुलाब शर्मा, धर्मेंद्र शर्मा, प्रकाश शर्मा, गुड्डू शर्मा, अजय शर्मा, अमरनाथ शर्मा, लालू शर्मा, कमलेश शर्मा, मुकेश शर्मा, रामनिहोर शर्मा, जगदीश शर्मा, हरेंद्र शर्मा आदि उपस्थित थे।