अंबेडकरनगर। सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए विधायक सुभाष राय को पार्टी ने जिले में पहला टिकट दिया है। हालांकि इस घोषणा से भाजपा के ही कई नेताओं को निराशा हाथ लगी है। इस बीच भाजपा से टिकट के एक प्रबल दावेदार रजनीश सिंह के समर्थकों ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने के लिए अभियान छेड़ दिया है। इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है।
जिले में छठे चरण में चुनाव होना है। भारतीय जनता पार्टी ने इसके लिए टिकटों की घोषणा शुरू कर दी है। पहला टिकट जलालपुर के मौजूदा विधायक सुभाष राय को दिया गया है। सुभाष वर्ष 2019 में हुए उपचुनाव में सपा प्रत्याशी के तौर पर विधायक बने थे। इससे पहले वर्ष 2017 तथा वर्ष 2012 के आम विधानसभा चुनाव में सपा ने उन्हें जलालपुर से टिकट तो मिला था, लेकिन नामांकन से पहले दोनों बार उनका टिकट काट दिया गया।
इस बार वह फिर टिकट की दौड़ में थे, लेकिन पूर्व सांसद राकेश पांडेय के बसपा छोड़कर सपा में होने के बाद उनकी उम्मीदवारी पर ग्रहण लग गया। इसके वह सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये। सुभाष ने खुद को प्रत्याशी बनाए जाने पर पार्टी का आभार जताते हुए कहा कि प्रदेश में फिर से विकास की सोच वाली सरकार बनाने के लिए मैं सभी संभव प्रयास करूंगा।
उधर, भाजपा में टिकट के कई दावेदारों इससे निराश हो गये इन्हीं में से एक प्रबल दावेदार डॉ. रजनीश सिंह के समर्थकों ने उन्हें निर्दल चुनाव लड़ाए जाने को लेकर बाकायदा मुहिम छेड़ दी है। सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों ने लिखा है कि क्षेत्र में रजनीश ने जो काम किए हैं, वह व्यर्थ नहीं जाने पाएंगे। समर्थकों का कहना है कि निर्दल चुनाव लड़कर चुनाव जीतना होगा।
चार सीटों पर नहीं खुले पत्ते
भाजपा ने टांडा व आलापुर सीट से भी अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, जबकि वहां भी सिटिंग विधायक हैं। टांडा से भाजपा के टिकट पर संजू देवी बीते चुनाव में चुुनी गई थीं। आलापुर से अनीता कमल विजयी हुईं थीं। सपा से आने वाले जलालपुर के विधायक सुभाष राय को टिकट देते समय टांडा व आलापुर विधायक को फिर से टिकट देने की घोषणा साथ में न करने से नई चर्चाएं तेज हो गई हैं। पार्टी ने अकबरपुर से भी अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। कटेहरी सीट निषाद पार्टी के खाते में जाने के संकेत लगातार आते रहे हैं। हालांकि निषाद पार्टी की शर्तों के बाद कटेहरी सीट वापस भाजपा के खेमे में जाने की अटकलें हैं।
अंबेडकरनगर। सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए विधायक सुभाष राय को पार्टी ने जिले में पहला टिकट दिया है। हालांकि इस घोषणा से भाजपा के ही कई नेताओं को निराशा हाथ लगी है। इस बीच भाजपा से टिकट के एक प्रबल दावेदार रजनीश सिंह के समर्थकों ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने के लिए अभियान छेड़ दिया है। इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है।
जिले में छठे चरण में चुनाव होना है। भारतीय जनता पार्टी ने इसके लिए टिकटों की घोषणा शुरू कर दी है। पहला टिकट जलालपुर के मौजूदा विधायक सुभाष राय को दिया गया है। सुभाष वर्ष 2019 में हुए उपचुनाव में सपा प्रत्याशी के तौर पर विधायक बने थे। इससे पहले वर्ष 2017 तथा वर्ष 2012 के आम विधानसभा चुनाव में सपा ने उन्हें जलालपुर से टिकट तो मिला था, लेकिन नामांकन से पहले दोनों बार उनका टिकट काट दिया गया।
इस बार वह फिर टिकट की दौड़ में थे, लेकिन पूर्व सांसद राकेश पांडेय के बसपा छोड़कर सपा में होने के बाद उनकी उम्मीदवारी पर ग्रहण लग गया। इसके वह सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये। सुभाष ने खुद को प्रत्याशी बनाए जाने पर पार्टी का आभार जताते हुए कहा कि प्रदेश में फिर से विकास की सोच वाली सरकार बनाने के लिए मैं सभी संभव प्रयास करूंगा।
उधर, भाजपा में टिकट के कई दावेदारों इससे निराश हो गये इन्हीं में से एक प्रबल दावेदार डॉ. रजनीश सिंह के समर्थकों ने उन्हें निर्दल चुनाव लड़ाए जाने को लेकर बाकायदा मुहिम छेड़ दी है। सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों ने लिखा है कि क्षेत्र में रजनीश ने जो काम किए हैं, वह व्यर्थ नहीं जाने पाएंगे। समर्थकों का कहना है कि निर्दल चुनाव लड़कर चुनाव जीतना होगा।
चार सीटों पर नहीं खुले पत्ते
भाजपा ने टांडा व आलापुर सीट से भी अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, जबकि वहां भी सिटिंग विधायक हैं। टांडा से भाजपा के टिकट पर संजू देवी बीते चुनाव में चुुनी गई थीं। आलापुर से अनीता कमल विजयी हुईं थीं। सपा से आने वाले जलालपुर के विधायक सुभाष राय को टिकट देते समय टांडा व आलापुर विधायक को फिर से टिकट देने की घोषणा साथ में न करने से नई चर्चाएं तेज हो गई हैं। पार्टी ने अकबरपुर से भी अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। कटेहरी सीट निषाद पार्टी के खाते में जाने के संकेत लगातार आते रहे हैं। हालांकि निषाद पार्टी की शर्तों के बाद कटेहरी सीट वापस भाजपा के खेमे में जाने की अटकलें हैं।