उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने शनिवार को पीसीएस 2019 और 2020 में शामिल अभ्यर्थियों के प्राप्तांक और कटऑफ अंक जारी कर दिए। हालांकि अभ्यर्थियों की मार्कशीट में स्केल्ड या नॉन स्केल्ड अंकों की अलग से जानकारी नहीं दी गई है। केवल प्राप्तांकों के बारे में बताया गया है। ऐसे में अभ्यर्थियों का यह दावा पुख्ता हो रहा है कि आयोग ने पीसीएस 2019 और 2020 में स्केलिंग नहीं की। हालांकि आयोग ने अभी इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं की है। इसके साथ ही तमाम अभ्यर्थियों की मार्कशीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनसे यही संकेत मिल रहे हैं कि साइंस वालों पर नंबर जमकर बरसे और मानविकी वालों को कम अंक मिले।
यूपीपीएससी पहले प्रारंभिक परीक्षा के अंक भी जारी करता था, लेकिन इस बार प्रारंभिक परीक्षा के प्राप्तांक जारी नहीं किए गए। केवल अनिवार्य/वैकल्पिक विषयों/प्रश्रपत्रों के प्राप्तांक एवं साक्षात्कार के प्राप्तांक और कुल योग तथा परीक्षा में शामिल सभी पदों पर चयन के बाद अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों के पदवार एवं श्रेणीवार कटऑफ अंक जारी किए गए हैं। यूपीपीएससी पहले मार्कशीट में स्केल्ड और नॉन स्केल्ड अंकों की जानकारी देता था। बाद में केवल स्केल्ड अंकों की जानकारी दी और अब पीसीएस 2019 एवं 2020 की मार्कशीट में स्केल्ड और नॉन स्केल्ड दोनों प्रकार के अंक हटा दिए गए। मार्कशीट में केवल प्राप्तांक के बारे में जानकारी दी गई है।
अभ्यर्थी लगातार दावा कर रहे थे कि आयोग ने पीसीएस-2019 से स्केलिंग को समाप्त कर दिया है। मार्कशीट जारी होने के बाद उनका दावा पुख्ता हो रहा है। मार्कशीट में अंक पूर्णांक में दिए गए हैं, जबकि स्केलिंग होने की स्थिति में अंक दशमलव में दिए जाते हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि स्केलिंग न होने के कारण ही विज्ञान विषय एवं अंग्रेजी माध्यम के अभ्यर्थियों को अधिक अंक मिले और इसी वजह से उनका उच्च पदों पर चयन हुआ, जबकि मानविकी विषयों और हिंदी माध्यम के साथ परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों को काफी अंक मिले हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं अभ्यर्थियों की मार्कशीट इसका उदाहरण हैं, जहां साइंस के छात्रों को मुख्य परीक्षा में 400 अकों मेें से साढ़े तीन सौ तक अंक मिले हैं। वहीं, मानविकी के बहुत से अभ्यर्थियों को 250 अंकों से भी कम मिले हैं। उदाहरण के तौर पर केमेस्ट्री विषय एक अभ्यर्थी को 400 में 327 अंक मिले हैं और हिंदी विषय में एक अन्य अभ्यर्थी को 245 अंक मिले हैं। अभ्यर्थी ऐसे कई उदाहरणों के आधार पर दावा कर रहे हैं कि आयोग की ओर से किए गए बदलाव के कारण मानविकी विषयों और हिंदी माध्यम वाले छात्रों को सबसे अधिक नुकसान हुआ।
पीसीएस-2019 में अधिकतम कटऑफ 981 अंक
आयोग ने पीसीएस-2019 का जो कटऑफ जारी किया हैं, उसके अनुसार एसडीएम पद के लिए अनारक्षित श्रेणी का अधिकतम कटऑफ 981 एवं न्यूनतम कटऑफ 909 अंक है। पीसीएस-2019 में एसडीएम के 46 पद थे। ओबीसी श्रेणी का अधिकतम/न्यूनतम कटऑफ अंक 906/889, ईडब्ल्यूएस श्रेणी का 907/892 और अनुसूचित जाति श्रेणी का कटऑफ अंक 948/846 है।
पीसीएस-2020 में अधिकतम कटऑफ 980 अंक
आयोग की ओर से जारी पीसीएस-2020 के कटऑफ के अनुसार पीसीएस-2019 के मुकाबले 2020 का अधिकतम कटऑफ एक अंक कम और न्यूनतम कटऑफ आठ अंक अधिक है। पीसीएस-2020 में एसडीएम के 61 पद थे। एसडीएम पद के लिए अनारक्षित श्रेणी का अधिकतम/न्यूनतम कटऑफ 980/917, अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी का 905/881, ईडब्ल्यूएस श्रेणी का 909/876, अनुसूचित जाति श्रेणी का 926/844, अनुसूचित जनजाति श्रेणी का कटऑफ अंक 945/945 है।
मार्कशीट से संतुष्ट नहीं हैं अभ्यर्थी
आयोग की ओर जारी पीसीएस 2019 और 2020 की मार्कशीट से अभ्यर्थी संतुष्ट नहीं हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने सवाल उठाए हैं कि आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा का अंक और कटआफ गायब कर दिया। आखिर आयोग मंशा क्या है। पहले अंतिम उत्तरकुंजी बंद की और अब प्रारंभिक परीक्षा के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक बंद कर दिए। वहीं, मार्कशीट से स्पष्ट हो रहा है कि आयोग ने स्केलिंग नहीं की, जिससे मानविकी विषयों और हिंदी माध्यम वाले अभ्यर्थियों को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। समिति यह मांग करती है कि आयोग पीसीएस में स्केलिंग एवं मॉडरेशन को लागू करे। साथ ही अभ्यर्थियों को भी इसकी जानकारी दी जाए।
‘यूपीपीएससी अब संघ लोक सेवा आयोग के पैटर्न पर ही काम कर रहा है। यही वजह है कि संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर मार्कशीट एवं कटऑफ अंक जारी किए गए।’ जगदीश, सचिव, यूपीपीएसससी
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने शनिवार को पीसीएस 2019 और 2020 में शामिल अभ्यर्थियों के प्राप्तांक और कटऑफ अंक जारी कर दिए। हालांकि अभ्यर्थियों की मार्कशीट में स्केल्ड या नॉन स्केल्ड अंकों की अलग से जानकारी नहीं दी गई है। केवल प्राप्तांकों के बारे में बताया गया है। ऐसे में अभ्यर्थियों का यह दावा पुख्ता हो रहा है कि आयोग ने पीसीएस 2019 और 2020 में स्केलिंग नहीं की। हालांकि आयोग ने अभी इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं की है। इसके साथ ही तमाम अभ्यर्थियों की मार्कशीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनसे यही संकेत मिल रहे हैं कि साइंस वालों पर नंबर जमकर बरसे और मानविकी वालों को कम अंक मिले।