उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से राजकीय महाविद्यालयों में प्रवक्ता/असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की अब ऑनलाइन काउंसलिंग होगी। इसके लिए शासन ने अपनी मंजूरी दे दी है और उच्च शिक्षा निदेशालय ने एनआईसी के माध्यम से नया सॉफ्टवेयर बनाने का काम भी शुरू कर दिया है।
यूपीपीएससी सीधी भर्ती के माध्यम से प्रवक्ता/असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर चयन करता है।
इसके लिए सबसे पहले अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग परीक्षा होती है और इसके बाद पदों के मुकाबले तीन गुना अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जाता है। साक्षात्कार में मिलने वाले अंकों के आधार पर अंतिम चयन होता है।
चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद यूपीपीएससी चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की संस्तुति शासन को भेजता है और फिर शासन स्तर से अभ्यथर्थियों की ऑफलाइन काउंसलिंग कराकर उन्हें कॉलेज आवंटित किए जाते हैं।
उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की ओर से अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर पर चयनित अभ्यर्थियों की ऑनलाइन काउंसलिंग उच्च शिक्षा निदेशालय कराता है। लेकिन, राजकीय महाविद्यालयों में चयनित प्रवक्ता/असिस्टेंट प्रोफेसर की काउंसलिंग ऑफलाइन होती है।
ऑफलाइन काउंसलिंग को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। अभ्यर्थियों की शिकायत रहती है कि कॉलेज आवंटन में मनमानी की गई। अब ऑनलाइन काउंसलिंग शुरू होने के बाद इसमें भी पारदर्शिता आ जाएगी।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज ने बताया कि ऑनलाइन काउंसलिंग के लिए एनआईसी के माध्यम से नया सॉफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है। जल्द ही लखनऊ एनआईसी के माध्यम से राजकीय महाविद्यालयों में प्रवक्ता/असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग भी ऑनलाइन होगी।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से राजकीय महाविद्यालयों में प्रवक्ता/असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की अब ऑनलाइन काउंसलिंग होगी। इसके लिए शासन ने अपनी मंजूरी दे दी है और उच्च शिक्षा निदेशालय ने एनआईसी के माध्यम से नया सॉफ्टवेयर बनाने का काम भी शुरू कर दिया है।
यूपीपीएससी सीधी भर्ती के माध्यम से प्रवक्ता/असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर चयन करता है।
इसके लिए सबसे पहले अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग परीक्षा होती है और इसके बाद पदों के मुकाबले तीन गुना अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जाता है। साक्षात्कार में मिलने वाले अंकों के आधार पर अंतिम चयन होता है।
चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद यूपीपीएससी चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की संस्तुति शासन को भेजता है और फिर शासन स्तर से अभ्यथर्थियों की ऑफलाइन काउंसलिंग कराकर उन्हें कॉलेज आवंटित किए जाते हैं।
उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की ओर से अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर पर चयनित अभ्यर्थियों की ऑनलाइन काउंसलिंग उच्च शिक्षा निदेशालय कराता है। लेकिन, राजकीय महाविद्यालयों में चयनित प्रवक्ता/असिस्टेंट प्रोफेसर की काउंसलिंग ऑफलाइन होती है।
ऑफलाइन काउंसलिंग को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। अभ्यर्थियों की शिकायत रहती है कि कॉलेज आवंटन में मनमानी की गई। अब ऑनलाइन काउंसलिंग शुरू होने के बाद इसमें भी पारदर्शिता आ जाएगी।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज ने बताया कि ऑनलाइन काउंसलिंग के लिए एनआईसी के माध्यम से नया सॉफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है। जल्द ही लखनऊ एनआईसी के माध्यम से राजकीय महाविद्यालयों में प्रवक्ता/असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग भी ऑनलाइन होगी।