लोकसभा चुनाव में कांग्रेस समेत नौ लोग अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया की नव गठित पार्टी जनसत्ता दल से उतरे शैलेंद्र और गठबंधन प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज ही अपनी जमानत बचा सके।
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को जिताकर सदन भेजने वाली कौशाम्बी संसदीय सीट की जनता ने कांग्रेस से एकदम से मुंह मोड़ लिया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उतरे कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश पासी अपनी जमानत तक बचाने में कामयाब नहीं हो सके। गिरीश को संसदीय सीट की पांच विधानसभा में महज 16397 मत ही मिल सके थे। यह आंकड़ा जिले में पड़े कुल मत का 1.69 प्रतिशत था। इसके अलावा प्रसपा के राजदेव को 4960, निर्दल प्रत्याशी के तौर चनावी मैदान में उतरे बच्चालाल को 6195 , मिश्रीलाल को 3178, छेदद्ू को 3563, प्रदीप कुमार को 2371, रामसुमेर को 4213, शैलेंद्र कुमार पुत्र गयादीन को 26932 और शैलेद्र कुमार तृतीय 8001 मत मिले। यहां सबसे अहम यह रहा कि निर्दल प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में रहे शैलेंद्र कुमार (26932) भी कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश को 16397 मत से ही संतोष करना पड़ा। कौशाम्बी संसदीय सीट में गठबंधन प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज व जनसत्ता के शैलेंद्र कुमार पासी ही अपनी जमानत बचाने में कामयाब हुए। गठबंधन प्रत्याशी को 342440 और जनसत्ता के खाते में 156218मत आए थे। शैलेंद्र पासी को मिले मत में एक बड़ा हिस्सा कुंडा और बाबागंज विधान सभा से आया था। कौशाम्बी विधान सभा की तीनों सीटों पर पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा।
सात प्रत्याशियों पर भारी रहा नोटा
मंझनपुर (ब्यूरो)। कौशाम्बी संसदीय सीट से भाजपा, गठबंधन, कांग्रेस, जनसत्ता और निर्दल प्रत्याशी के तौर पर उतरे शैलेंद्र कुमार के बाद किसी अन्य को सर्वाधिक मत मिला, वह था नोटा। संसदीय सीट की पांचों विधान सभा चुनाव में 14711 मत नोटा को मिला। नोटा इस्तेमाल उन लोगों ने किया, जिन्हे कोई प्रत्याशी या राजनैतिक दलों के घोषणा पत्र से कोई सरोकार नहीं था। चुनाव मैदान में उतरे बच्चालाल, मिश्रीलाल,राजदेव, छेद्दू, प्रदीप कुमार, राम सुमेर और शैलेंद्र कुमार तृतीय को नोटा से भी कम वोट मिला था।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस समेत नौ लोग अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया की नव गठित पार्टी जनसत्ता दल से उतरे शैलेंद्र और गठबंधन प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज ही अपनी जमानत बचा सके।
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को जिताकर सदन भेजने वाली कौशाम्बी संसदीय सीट की जनता ने कांग्रेस से एकदम से मुंह मोड़ लिया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उतरे कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश पासी अपनी जमानत तक बचाने में कामयाब नहीं हो सके। गिरीश को संसदीय सीट की पांच विधानसभा में महज 16397 मत ही मिल सके थे। यह आंकड़ा जिले में पड़े कुल मत का 1.69 प्रतिशत था। इसके अलावा प्रसपा के राजदेव को 4960, निर्दल प्रत्याशी के तौर चनावी मैदान में उतरे बच्चालाल को 6195 , मिश्रीलाल को 3178, छेदद्ू को 3563, प्रदीप कुमार को 2371, रामसुमेर को 4213, शैलेंद्र कुमार पुत्र गयादीन को 26932 और शैलेद्र कुमार तृतीय 8001 मत मिले। यहां सबसे अहम यह रहा कि निर्दल प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में रहे शैलेंद्र कुमार (26932) भी कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश को 16397 मत से ही संतोष करना पड़ा। कौशाम्बी संसदीय सीट में गठबंधन प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज व जनसत्ता के शैलेंद्र कुमार पासी ही अपनी जमानत बचाने में कामयाब हुए। गठबंधन प्रत्याशी को 342440 और जनसत्ता के खाते में 156218मत आए थे। शैलेंद्र पासी को मिले मत में एक बड़ा हिस्सा कुंडा और बाबागंज विधान सभा से आया था। कौशाम्बी विधान सभा की तीनों सीटों पर पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा।
सात प्रत्याशियों पर भारी रहा नोटा
मंझनपुर (ब्यूरो)। कौशाम्बी संसदीय सीट से भाजपा, गठबंधन, कांग्रेस, जनसत्ता और निर्दल प्रत्याशी के तौर पर उतरे शैलेंद्र कुमार के बाद किसी अन्य को सर्वाधिक मत मिला, वह था नोटा। संसदीय सीट की पांचों विधान सभा चुनाव में 14711 मत नोटा को मिला। नोटा इस्तेमाल उन लोगों ने किया, जिन्हे कोई प्रत्याशी या राजनैतिक दलों के घोषणा पत्र से कोई सरोकार नहीं था। चुनाव मैदान में उतरे बच्चालाल, मिश्रीलाल,राजदेव, छेद्दू, प्रदीप कुमार, राम सुमेर और शैलेंद्र कुमार तृतीय को नोटा से भी कम वोट मिला था।