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कोरांव। सेमरिहा गांव के रमेश कुमार सिंह के भाई को दबंग विकास पांडेय ने कुछ दिन पहले पुलिस से सेटिंग कर जेल भेज दिया था। इसी बात को लेकर दोनों के परिवारों में दुश्मनी चल रही थी। घटना वाले दिन जब रमेश और विकास का आमना सामना हुआ तो पहले दोनों के बीच वाद विवाद हुआ था। फिर झगड़े के बाद रमेश पर प्राणघातक हमला किया गया। प्राणघातक हमले में भी पुलिस ने खेल कर दिया। चार लोगों के खिलाफ सिर्फ एनसीआर दर्ज हुई। इसी बात को लेकर सबसे ज्यादा गुस्सा था।
शुक्रवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने रमेश का शव कोरांव के मुख्य चौराहे पर रखकर चक्काजाम कर दिया। चक्काजाम कर रहे लोग इंस्पेक्टर कोरांव अवन कुमार दीक्षित पर खुलेआम आरोप लगा रहे थे। उनके खिलाफ नारेबाजी के साथ पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की जा रही थी। उनका आरोप था कि पुलिस ने इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की है। वे इंस्पेक्टर के निलंबन के साथ दबंग आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। चक्काजाम की सूचना पर उपजिलाधिकारी कोरांव संदीप वर्मा और सीओ मेजा सही राम आर्य के साथ मेजा व मांडा थाने की फोर्स पहुंच गई।
दोनों अधिकारियों ने प्रयास किया कि बातचीत से मामला हल हो जाए लेकिन ग्रामीण एसएसपी और डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। जब देर होने लगी तो किसी ने पुलिस की ओर पत्थर फेंका। इसके बाद ग्रामीण बेकाबू हो गए। उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया। मौके पर मौजूद प्रभारी निरीक्षक कोरांव व उपजिलाधिकारी कोरांव पास में स्थित सराफ की दुकान में घुस गए। लोगों ने दुकान के दरवाजे पर काफी देर तक पथराव किया। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस को दौड़ाकर थाने तक हमला किया जिस पर सभी पुलिसकर्मी थाने में चले गए और गेट बंद कर दिया गया।
एक दर्जन पुलिस वाले और कई ग्रामीण भी घायल हो गए। वहां करीब एक घंटे तक अफरातफरी मची रही। तब तक एसपी यमुनापार दीपेंद्र नाथ चौधरी यमुनापार के लगभग सभी थानों की फोर्स के साथ पहुंचे। बड़ी संख्या में पुलिस के बाद स्थिति नियंत्रित हुई। एसपी दीपेंद्र नाथ ने रमेश के परिजनों से बंद कमरे में बातचीत की। आश्वासन दिया कि वे खुद मामले की जांच अपनी देखरेख में कराएंगे। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तुरंत टीमें रवाना कर दी गईं। इसके बाद वहां से शव को हटाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
एसएसपी ने फोर्स के साथ मार्च किया
एसएसपी अनिरुद्ध सत्यार्थ पंकज भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने क्षेत्रवासियों से बात की और फोर्स के साथ कोरांव में मार्च किया। आश्वासन दिया कि जो भी पुलिस वाला दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने व्यापारियों को बुलाकर अपनी दुकानें खोलने के लिए कहा।
छह के खिलाफ हत्या का मुकदमा
बवाल के बाद एसपी दीपेंद्र चौधरी ने घर वालों से दूसरी तहरीर देने को कहा। रमेश के पिता अमरनाथ सिंह की दूसरी तहरीर पर पुलिस ने विकास पांडेय, धर्मेंद्र तिवारी, अमित मिश्रा, दिवाकर पांडेय, राम कुमार विश्वकर्मा, नरेंद्र विश्वकर्मा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। एसपी के मुताबिक सभी फरार हैं। आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
गर्भवती पत्नी रो रोकर हुई अचेत
रमेेश की पत्नी गर्भवती है। शुक्रवार को जैसे उसने सुना कि रमेश की मौत हो गई, वह रो रोकर अचेत हो गई। मां-बाप का भी रो रोकर बुरा हाल हो गया था। रमेश का तीन साल का एक बेटा भी है। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो गया। वह बार बार अपने पिता को याद करता था। परिवार वाले उसे गोद में लेकर आंसू बहा रहे थे।
कोरांव। सेमरिहा गांव के रमेश कुमार सिंह के भाई को दबंग विकास पांडेय ने कुछ दिन पहले पुलिस से सेटिंग कर जेल भेज दिया था। इसी बात को लेकर दोनों के परिवारों में दुश्मनी चल रही थी। घटना वाले दिन जब रमेश और विकास का आमना सामना हुआ तो पहले दोनों के बीच वाद विवाद हुआ था। फिर झगड़े के बाद रमेश पर प्राणघातक हमला किया गया। प्राणघातक हमले में भी पुलिस ने खेल कर दिया। चार लोगों के खिलाफ सिर्फ एनसीआर दर्ज हुई। इसी बात को लेकर सबसे ज्यादा गुस्सा था।
शुक्रवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने रमेश का शव कोरांव के मुख्य चौराहे पर रखकर चक्काजाम कर दिया। चक्काजाम कर रहे लोग इंस्पेक्टर कोरांव अवन कुमार दीक्षित पर खुलेआम आरोप लगा रहे थे। उनके खिलाफ नारेबाजी के साथ पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की जा रही थी। उनका आरोप था कि पुलिस ने इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की है। वे इंस्पेक्टर के निलंबन के साथ दबंग आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। चक्काजाम की सूचना पर उपजिलाधिकारी कोरांव संदीप वर्मा और सीओ मेजा सही राम आर्य के साथ मेजा व मांडा थाने की फोर्स पहुंच गई।
दोनों अधिकारियों ने प्रयास किया कि बातचीत से मामला हल हो जाए लेकिन ग्रामीण एसएसपी और डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। जब देर होने लगी तो किसी ने पुलिस की ओर पत्थर फेंका। इसके बाद ग्रामीण बेकाबू हो गए। उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया। मौके पर मौजूद प्रभारी निरीक्षक कोरांव व उपजिलाधिकारी कोरांव पास में स्थित सराफ की दुकान में घुस गए। लोगों ने दुकान के दरवाजे पर काफी देर तक पथराव किया। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस को दौड़ाकर थाने तक हमला किया जिस पर सभी पुलिसकर्मी थाने में चले गए और गेट बंद कर दिया गया।
एक दर्जन पुलिस वाले और कई ग्रामीण भी घायल हो गए। वहां करीब एक घंटे तक अफरातफरी मची रही। तब तक एसपी यमुनापार दीपेंद्र नाथ चौधरी यमुनापार के लगभग सभी थानों की फोर्स के साथ पहुंचे। बड़ी संख्या में पुलिस के बाद स्थिति नियंत्रित हुई। एसपी दीपेंद्र नाथ ने रमेश के परिजनों से बंद कमरे में बातचीत की। आश्वासन दिया कि वे खुद मामले की जांच अपनी देखरेख में कराएंगे। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तुरंत टीमें रवाना कर दी गईं। इसके बाद वहां से शव को हटाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
एसएसपी ने फोर्स के साथ मार्च किया
एसएसपी अनिरुद्ध सत्यार्थ पंकज भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने क्षेत्रवासियों से बात की और फोर्स के साथ कोरांव में मार्च किया। आश्वासन दिया कि जो भी पुलिस वाला दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने व्यापारियों को बुलाकर अपनी दुकानें खोलने के लिए कहा।
छह के खिलाफ हत्या का मुकदमा
बवाल के बाद एसपी दीपेंद्र चौधरी ने घर वालों से दूसरी तहरीर देने को कहा। रमेश के पिता अमरनाथ सिंह की दूसरी तहरीर पर पुलिस ने विकास पांडेय, धर्मेंद्र तिवारी, अमित मिश्रा, दिवाकर पांडेय, राम कुमार विश्वकर्मा, नरेंद्र विश्वकर्मा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। एसपी के मुताबिक सभी फरार हैं। आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
गर्भवती पत्नी रो रोकर हुई अचेत
रमेेश की पत्नी गर्भवती है। शुक्रवार को जैसे उसने सुना कि रमेश की मौत हो गई, वह रो रोकर अचेत हो गई। मां-बाप का भी रो रोकर बुरा हाल हो गया था। रमेश का तीन साल का एक बेटा भी है। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो गया। वह बार बार अपने पिता को याद करता था। परिवार वाले उसे गोद में लेकर आंसू बहा रहे थे।