इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नया कानून लागू होने के बाद समाप्त हुए कानून में भूमि अधिग्रहण की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण गौतमबुद्धनगर से छह हफ्ते में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने रविंदर सिंह की याचिका पर दिया है।
याची की ओर से तर्क दिया गया कि 31 अक्टूबर 2013 और तीन सितंबर 2014 को 60 मीटर सड़क के लिए पुराने अधिग्रहण कानून के तहत याची की जमीन अधिगृहीत की गई। याची ग्राम नगला हुकुम सिंह मायरा करौली बांगर, तहसील जेवर, गौतमबुद्धनगर का निवासी है। 2013 में नया अधिग्रहण कानून लागू हो गया। पुराना कानून खत्म कर दिया गया। ऐसे में पुराने कानून में अधिग्रहण कार्रवाई नहीं की जा सकती। याची ने अभी तक मुआवजा नहीं लिया है। याचिका पर सुनवाई छह हफ्ते बाद होगी।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नया कानून लागू होने के बाद समाप्त हुए कानून में भूमि अधिग्रहण की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण गौतमबुद्धनगर से छह हफ्ते में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने रविंदर सिंह की याचिका पर दिया है।
याची की ओर से तर्क दिया गया कि 31 अक्टूबर 2013 और तीन सितंबर 2014 को 60 मीटर सड़क के लिए पुराने अधिग्रहण कानून के तहत याची की जमीन अधिगृहीत की गई। याची ग्राम नगला हुकुम सिंह मायरा करौली बांगर, तहसील जेवर, गौतमबुद्धनगर का निवासी है। 2013 में नया अधिग्रहण कानून लागू हो गया। पुराना कानून खत्म कर दिया गया। ऐसे में पुराने कानून में अधिग्रहण कार्रवाई नहीं की जा सकती। याची ने अभी तक मुआवजा नहीं लिया है। याचिका पर सुनवाई छह हफ्ते बाद होगी।