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Railway : एनसीआर में पहली बार 160 किमी की रफ्तार के लिए कवच, 2025 तक पूरा हो जाएगा काम
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sun, 29 Jan 2023 01:04 AM IST
सार
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ट्रेनों की आमने-सामने की टक्कर रोकने और सुरक्षित परिचालन के लिए उत्तर मध्य रेलवे देश का पहला ऐसा जोन बन गया है, जहां अधिकतम 160 की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनें ‘कवच’ प्रणाली से लैस हो गई हैं।
ट्रेनों की आमने-सामने की टक्कर रोकने और सुरक्षित परिचालन के लिए उत्तर मध्य रेलवे देश का पहला ऐसा जोन बन गया है, जहां अधिकतम 160 की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनें ‘कवच’ प्रणाली से लैस हो गई हैं। इसकी शुरूआत आगरा मंडल के वृंदावन-अझई सेक्शन से हुई है। एनसीआर का यह सेक्शन अब 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति सीमा पर कवच प्रणाली लागू करने वाला भारतीय रेल का पहला सेक्शन हो गया है। अभी देश में ‘कवच’ प्रणाली जहां कहीं भी लगी है, वह ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 130 किमी प्रतिघंटा के लिए ही है, लेकिन एनसीआर देश का इकलौता जोन बना, जहां इसके तहत 160 की रफ्तार से भी ट्रेनें चल सकेंगी।
दरअसल भारतीय रेलवे की ओर से ‘कवच’ नाम की सुरक्षा प्रणाली तैयार की गई है। ताकि रेल हादसों को रोका जा सके। मार्च 2022 में ही रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन वीके त्रिपाठी ने स्वयं इस तकनीक का परीक्षण किया था। प्रयागराज मंडल की बात करें तो यह पूर्ण रूप से महाकुंभ 2025 के पहले ‘कवच’ प्रणाली से लैस हो जाएगा। मंडल में ‘कवच’ लगाने का कार्य कुल दो चरणों में हो रहा है। इस पर कुल 358.91 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
यहां पहले चरण में छिपियाना बुजुर्ग से कानपुर (लागत- 179.95 करोड़) एवं दूसरे चरण में कानपुर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जं (लागत- 178.96 करोड़) तक यह प्रणाली लगाई जाएगी। आगरा मंडल का मथुरा-पलवल रेलखंड भी कवच से लैस हो रहा है। यहां वृंदावन-अझई सेक्शन में इसे लगा दिया गया है। इस पूरे रेलखंड पर कवच के लिए कुल 30 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
पहली बार160 की रफ्तार पर कवच लगाया गया है। फिलहाल इसे दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रूट पर लगाया जा रहा है। यह रेलवे के मिशन रफ्तार का ही अभिन्न हिस्सा है। - डॉ.अमित मालवीय, सीनियर पीआरओ, एनसीआर
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