प्रयागराज। कोरोना संक्रमितों की मौत के बढ़ते आंकड़ों के बीच राहत देने वाली बात है कि शूगर, बीपी जैसी अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित वेंटिलेटर सपोर्ट पर एसआरएन अस्पताल में भर्ती हुए। इन मरीजों की इच्छा शक्ति प्रबल थी और डॉक्टरों का सार्थक प्रयास उन्हें संक्रमणमुक्त करने में सहायक बना। प्रयागराज ही नहीं कौशाम्बी और प्रतापगढ़ के मरीज भी गंभीर स्थिति से उबरकर स्वस्थ हुए हैं। यह मरीज डॉक्टरों को बेहतर उपचार के लिए दुआ देते हुए अपने-अपने घर गए।
कोविड उपचार के लिए एल थ्री एसआरएन अस्पताल में 18 सितंबर को एक निजी अस्पताल से कोविड संक्रमित 52 वर्षीय सुंदरलाल को वेंटीलेटर सपोर्ट पर लाया गया। कोविड वार्ड के आईसीयू में उन्हें भर्ती किया गया। प्रयागराज निवासी सुमंरलाल को अन्य बीमारियां भी थीं। तीन दिन बाद उन्हें वेंटीलेटर से अलग किया गया। जरूरी दवाओं के साथ उनकी इच्छाशक्ति और हौसला उनके स्वस्थ होने का कारण बना। 23 सितंबर को उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई तो परीक्षण के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया।
एसआरएन के कोविड उप प्रभारी डॉ. सुजीत वर्मा ने बताया कि प्रयागराज के ही 60 वर्षीय प्रेमचंद्र पांडेय गंभीर हालत में भर्ती हुए थे। उनकी हालत बिगड़ी लेकिन बेहतर उपचार से उन्हें अन्य बीमारियों से राहत मिली और वह संक्रमण मुक्त भी हुए। प्रयागराज की ही 60 वर्षीया केसरा देवी सीओपीडी की मरीज हैं। कोविड संक्रमण के बाद उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई। 14 सितंबर को उन्हें भर्ती किया गया।
हालत और गंभीर हुई तो वेंटीलेटर सपोर्ट देने के साथ अन्य उपाय किए गए। तीन दिन बाद उनकी हालत सामान्य होने लगी। वेंटीलेटर तो हटा ही सांस की दिक्कत भी दूर हुई। इसी तरह शहर की रहने वाली 64 वर्षीया सविता गुर्दे की बीमारी से पीड़ित होने के साथ कोविड संक्रमित हो गईं।
एसआरएन में भर्ती के दौरान उनकी दो बार डायलिसिस की गई। इस दौरान उनको आराम होता गया। संक्रमण मुक्त होने की रिपोर्ट आई तो उन्हें डिस्चार्ज किया। शहर के ही 55 वर्षीय यासीन जून में भर्ती हुए। उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट दिया गया लेकिन चार दिन में उनकी हालत सुधर गई। बाद में उन्हें अस्पताल से फूल देकर डि स्चार्ज किया गया।
कौशाम्बी और बेल्हा के मरीज भी हुए ठीक
प्रतापगढ़ की 42 वर्षीया कमला देवी और कौशाम्बी 57 वर्षीय सुशील मिश्रा को गंभीर हालत में एसआरएन के कोविड वार्ड में भर्ती किया गया। दोनों मरीजों को गंभीर हालत में वेंटीलेटर सपोर्ट दिया गया। आठ से नौ दिनों में दोनों मरीजों की हालत सुधरी और कोविड रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया।
एमएलएन मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती किए गए कोविड संक्रमित मरीजों का ठीक होना डॉक्टरों का हौसला बुलंद करने में सहायक हुआ है। वेंटीलेटर सपोर्ट से हटकर गंभीर बीमारियों से भी संक्रमितों को राहत मिली है। हाल ही में ऐसे कई मरीज स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए हैं। - डॉ. एसपी सिंह, प्राचार्य एमएलएन मेडिकल कॉलेज