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योगी आदित्यनाथ को सीएम और केशव प्रसाद मौर्य एवं दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम बनाये जाने के बाद अब हर किसी की निगाह प्रदेश के मंत्रीमंडल पर टिकी हुई है। चर्चा है कि यूपी कैैबिनेट में इलाहाबाद के कुछ विधायकों को इंट्री मिल सकती है। इसमें शहर पश्चिमी से पार्टी विधायक एवं राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह का नाम सबसे ऊपर है।
दरअसल विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक चुनावी सभा में सिद्धार्थ नाथ सिंह को अपना मित्र बताने के साथ उन्हें बड़ा नेता बताया था। तब उन्होंने कहा था कि यहां से विधायक नहीं बल्कि बड़ा नेता लोग जिताने जा रहे हैं। उधर फूलपुर की चुनावी रैली में पीएम मोदी ने केशव प्रसाद और सिद्धार्थ नाथ सिंह की मौजूदगी में कहा था कि ‘इलाहाबाद से ही यूपी का भाग्य निर्धारित होने जा रहा है’। उनके इस बयान पर शनिवार को मुहर भी लग गई और केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश का डिप्टी सीएम बनाने का एलान हो गया। अब शनिवार से ही संभावित मंत्रियों के नाम पर कयास लगाये जाने शुरू हो गए। इसमें सिद्धार्थ नाथ सिंह, पूर्व मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, नीलम करवारिया, प्रवीण पटेल, विक्रमाजीत मौर्य आदि का नाम सुर्खियों में रहा। चर्चा है कि कम से कम दो विधायकों को लाल बत्ती मिल सकती है।
फूलपुर के सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाए जाने के एलान के बाद अब इस बात की चर्चा है कि उनके स्थान पर फूलपुर संसदीय सीट से किसे दावेदारी मिलेगी। दरअसल फूलपुर संसदीय सीट प्रदेश की उन सीटों में शामिल रही है कि जहां वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को रिकार्ड मतों से विजय मिली। इस सीट पर पार्टी के तमाम नेता अपना दावा ठोक सकते हैं। इसमें कई ऐेसे नाम शामिल है जिन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मांगे थे। हालांकि पार्टी की ओर से अभी इस बारे में किसी भी तरह का रुख स्पष्ट नहीं किया गया है। चर्चा है कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद ही पार्टी फूलपुर संसदीय सीट से मैदान में किसे उतारेगी उसपर विचार करेगी।
‘पीएम मोदी और अमित शाह ने यूपी को योगी, केशव और दिनेश शर्मा के रूप में शानदार नेतृत्व दिया है। इन तीनों नेताओं के माध्यम से प्रदेश मेें विकास की गंगा बहेगी। यूपी में उद्योग धंधे को पंख मिलेंगे और युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। ’
डा. नरेंद्र कुमार सिंह गौर, पूर्व मंत्री
‘प्रदेश को इससे अच्छा नेतृत्व नहीं मिल सकता। अगले पांच साल में इन तीनों नेताओं के काम से प्रदेश को एक नई पहचान मिलेगी। योगी, केशव और दिनेश को इसके लिए बधाई।’
नरेंद्र देव पांडेय, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा।
योगी आदित्यनाथ को सीएम और केशव प्रसाद मौर्य एवं दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम बनाये जाने के बाद अब हर किसी की निगाह प्रदेश के मंत्रीमंडल पर टिकी हुई है। चर्चा है कि यूपी कैैबिनेट में इलाहाबाद के कुछ विधायकों को इंट्री मिल सकती है। इसमें शहर पश्चिमी से पार्टी विधायक एवं राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह का नाम सबसे ऊपर है।
दरअसल विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक चुनावी सभा में सिद्धार्थ नाथ सिंह को अपना मित्र बताने के साथ उन्हें बड़ा नेता बताया था। तब उन्होंने कहा था कि यहां से विधायक नहीं बल्कि बड़ा नेता लोग जिताने जा रहे हैं। उधर फूलपुर की चुनावी रैली में पीएम मोदी ने केशव प्रसाद और सिद्धार्थ नाथ सिंह की मौजूदगी में कहा था कि ‘इलाहाबाद से ही यूपी का भाग्य निर्धारित होने जा रहा है’। उनके इस बयान पर शनिवार को मुहर भी लग गई और केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश का डिप्टी सीएम बनाने का एलान हो गया। अब शनिवार से ही संभावित मंत्रियों के नाम पर कयास लगाये जाने शुरू हो गए। इसमें सिद्धार्थ नाथ सिंह, पूर्व मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, नीलम करवारिया, प्रवीण पटेल, विक्रमाजीत मौर्य आदि का नाम सुर्खियों में रहा। चर्चा है कि कम से कम दो विधायकों को लाल बत्ती मिल सकती है।
फूलपुर के सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाए जाने के एलान के बाद अब इस बात की चर्चा है कि उनके स्थान पर फूलपुर संसदीय सीट से किसे दावेदारी मिलेगी। दरअसल फूलपुर संसदीय सीट प्रदेश की उन सीटों में शामिल रही है कि जहां वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को रिकार्ड मतों से विजय मिली। इस सीट पर पार्टी के तमाम नेता अपना दावा ठोक सकते हैं। इसमें कई ऐेसे नाम शामिल है जिन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मांगे थे। हालांकि पार्टी की ओर से अभी इस बारे में किसी भी तरह का रुख स्पष्ट नहीं किया गया है। चर्चा है कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद ही पार्टी फूलपुर संसदीय सीट से मैदान में किसे उतारेगी उसपर विचार करेगी।
‘पीएम मोदी और अमित शाह ने यूपी को योगी, केशव और दिनेश शर्मा के रूप में शानदार नेतृत्व दिया है। इन तीनों नेताओं के माध्यम से प्रदेश मेें विकास की गंगा बहेगी। यूपी में उद्योग धंधे को पंख मिलेंगे और युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। ’
डा. नरेंद्र कुमार सिंह गौर, पूर्व मंत्री
‘प्रदेश को इससे अच्छा नेतृत्व नहीं मिल सकता। अगले पांच साल में इन तीनों नेताओं के काम से प्रदेश को एक नई पहचान मिलेगी। योगी, केशव और दिनेश को इसके लिए बधाई।’
नरेंद्र देव पांडेय, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा।