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Aligarh News: बारिश से नुमाइश पानी-पानी, दुकानदारों के धुल गए अरमान
रिंकू शर्मा
Published by: चमन शर्मा
Updated Mon, 30 Jan 2023 09:12 PM IST
सार
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जलभराव के साथ ही कीचड़ एवं फिसलन से नुमाइश के कच्चे बाजारों, हुल्लड़ बाजार, कश्मीरी बाजार, उद्योग मंडप, कृषि मंडप, कश्मीरी बाजार, कंबल बाजार, नानवाटी बाजार समेत अन्य बाजारों में बारिश के बाद कीचड़ के कारण दुकानदार मायूस नजर आए।
अलीगढ़ नुमाइश में भरा हुआ बारिश का पानी
- फोटो : रूपेश कुमार
यह स्मार्ट सिटी है, मगर इसके हालात गांव से भी ज्यादा बदतर हैं। नगर निगम के 90 वार्ड वाले इस महानगर के वासियों को अब भी नाला, नाली, सड़क एवं साफ- सफाई जैसी मूलभूत समस्याओं को लेकर परेशान होना पड़ रहा है। यह अलग बात है कि इसके लिए जिम्मेदार नगर निगम इन सभी व्यवस्थाओं में सुधार एवं मरम्मत के नाम पर हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च करता है, मगर असल स्थिति बारिश होने पर सामने आ जाती है। शहर का अर्थ यानी जहां सड़क, नाली, नाला पेयजल, सफाई की व्यवस्था के अलावा तमाम अन्य सुविधाएं हों, मगर यहां के लोगों के लिए मूलभूत सुविधा सपने जैसी ही हैं। कुछ घंटों की बारिश ने अलीगढ़ नगर निगम के सभी दावों और इंतजामों को धो डाला है। उधर बारिश से नुमाइश पानी-पानी हो गई है। कीचड़- गंदगी एवं जलभराव से दुकानदार परेशान हैं तो ग्राहकों ने भी खराब मौसम के चलते दूरी बनाए रखी। इससे नुमाइश में रंगत नहीं आ सकी।
बारिश ने बिगाड़ी नुमाइश की सूरत
नुमाइश में पहले दिन रविवार को उद्घाटन से पहले इंद्र देव ने नुमाइश प्रशासन की परीक्षा ले ली है। अभी तक नुमाइश में दुकानें पूरी तरह से सज भी न पायीं थी कि रात भर के साथ ही सोमवार सुबह को हुई बारिश से पूरा नुमाइश परिसर पानी-पानी हो गया। रात को हुई बारिश ने नुमाइश के इंतजामों को धो डाला है। जलभराव के साथ ही कीचड़ एवं फिसलन से नुमाइश के कच्चे बाजारों, हुल्लड़ बाजार, कश्मीरी बाजार, उद्योग मंडप, कृषि मंडप, कश्मीरी बाजार, कंबल बाजार, नानवाटी बाजार समेत अन्य बाजारों में बारिश के बाद कीचड़ के कारण दुकानदार मायूस नजर आए। पानी भरा होने के कारण दुकानें नहीं खुलीं और दुकानदार पानी निकालने में जुटे रहे। नुमाइश की कोतवाली समेत अन्य थाने एवं पुलिस चौकियों के अलावा बने कैंप कार्यालयों में पानी भर गया। शिल्पग्राम के प्रवेश द्वार वाली सड़क पर पानी भरा होने के कारण भीड़ को गिरते पड़ते- अंदर जाना पड़ रहा था। नुमाइश के कच्चे बाजारों में जगह-जगह गड्ढों में पानी भरा और कीचड़ भीड़ के लिए परेशानी बनी रही। दुकानदार अपने स्तर से ही पानी निकलवाते देखे गए। हालांकि दोपहर के वक्त हल्की धूप निकलने से कुछ राहत मिली। नुमाइश प्रभारी एवं एडीएम सिटी मीनू राणा ने बताया कि नुमाइश में बारिश के चलते हुई अव्यवस्था को लेकर नगर निगम एवं नुमाइश से जुड़े कर्मचारी बेहतर बनाने में जुटे हैं। मौसम साफ होने पर व्यवस्थाओं को और भी बेहतर बनाया जाएगा, ताकि दुकानदारों के अलावा आने वाले दर्शकों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
निचले इलाकों में जलभराव, राहगीर हुए परेशान
स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर भर में तमाम विकास कार्य कराए गए हैं। इसके बाद भी हल्की सी बारिश में जलभराव के चलते गलियां, मुहल्ले, कॉलोनी, मुख्य बाजारों की सूरत बिगड़ी नजर आयी। शहर के सेंटर प्वाइंट, मैरिस रोड, केला नगर, अमीर निशा, स्टेशन रोड, गुरुद्वारा रोड, मामू भांजा, अचल ताल, हाथरस अड्डा, छर्रा अड्डा पुल, बारहद्वारी, महावीरगंज, रामघाट रोड, सराय रहमान आदि समेत तमाम निचले इलाकों में जलभराव एवं गंदगी उफन आने से लोगों को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
पारा बढ़ा, तेज हवाओं से आफत
दोपहर में कुछ समय के लिए हल्की धूप निकलने से लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिली। अधिकतम तापमान 18.8 डिग्री सेल्सियस रहा। जो सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम रहा। जबकि न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। जो सामान्य से चार डिग्री कम रहा। दिन भर चली तेज हवाएं लोगों के लिए आफत का सबब बनी रहीं। ठंडी हवाएं लोगों को कड़ाके की सर्दी का अहसास कराती रहीं। शाम ढ़लते ही आसमान में धुंध छा गई। सर्दी से बचाव को लोग अलाव का सहारा लेते नजर आए।
बादल छाने से सरसों में लग सकती हैं माऊ
जिला कृषि अधिकारी डॉ. अभिनंदन सिंह ने बताया कि शनिवार एवं रविवार को ज्यादा बारिश नहीं हुई है। यह ज्यादातर फसलों के लिए फायदेमंद हैं। हालांकि बारिश होने की वजह से आलू की खोदाई देरी से होगी। वहीं अगर आसमान में बादल छाए रहे तो सरसों की फसल में माऊ का रोग लगने की संभावना बढ़ जाएगी। गेहूं की फसल के लिए यह बारिश अमृत के समान है। सरसों की फसल में माऊ के रोग से बचने के लिए किसान एजाडिरेक्टिन 0.15 को 2.5 लीटर मात्रा में 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। वहीं नीम के तेल को पानी में घोलकर छिड़काव कर माऊ के रोग से बचा जा सकता है।
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