{"_id":"5f50046c8ebc3e527f002182","slug":"physical-and-mental-harassment-occurred-in-jail-dr-kafeel-aligarh-news-ali242804141","type":"story","status":"publish","title_hn":"डॉ. कफील ने कहा, जेल में न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक उत्पीड़न भी हुआ","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
डॉ. कफील ने कहा, जेल में न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक उत्पीड़न भी हुआ
अमर उजाला नेटवर्क, अलीगढ़
Published by: अलीगढ़ ब्यूरो
Updated Thu, 03 Sep 2020 02:15 AM IST
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिसंबर 2019 में संबोधन करने के मामले जेल से रिहा हो चुके डॉ. कफील ने कहा कि जेल में उनका न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक उत्पीड़न भी हुआ है। डॉ. कफील पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत अलीगढ़ प्रशासन ने कार्रवाई की थी। जिसको हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया और उनकी तत्काल रिहाई के आदेश दिए थे।
अमर उजाला से फोन के माध्यम से हुई बातचीत में डॉ. कफील ने कहा कि बैरक में 40 कैदियों की क्षमता थी लेकिन 150 कैदी रखे गए। महामारी के समय जहां देश के प्रधानमंत्री सोशल डिस्टेंसिंग की बात कहते हैं, जेल के अंदर इन नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं।
ऐसे में जेल में बंदियों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि जेल में बंदी उनके बारे में पहले से जानते थे। गोरखपुर में मेडिकल कॉलेज में हुए 70 बच्चों की मौत के बारे में भी पहले से परिचित थे और बंदियों को यह भी मालूम था कि वे निर्दोष हैं।
लेकिन बंदियों को उनके तथाकथित भड़काऊ संबोधन के संबंध में कुछ संशय था। लेकिन जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया, वैसे वैसे उनके भ्रम दूर होते गए। बंदियों का व्यवहार उनके साथ बहुत शानदार और आत्मीयता पूर्ण था।
उन्होंने कहा, ‘गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में 70 बच्चों की मौत के मामले से ठीक पहले स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेडिकल कॉलेज आए थे और उन्होंने मेरी बहुत मेहनत से बनाए गए आईसीयू वार्ड का निरीक्षण किया था। उन्होंने मेरी पीठ भी थपथपाई थी।
उस घटना के बाद जो स्थितियां बनीं, मुख्यमंत्री के सामने मेरा प्रस्तुतीकरण राजनीतिक प्रत्यक्षीकरण के साथ किया गया। किसी ने कहा कि मैं सपा का आदमी हूं, किसी ने कहा कि मैं बसपा का आदमी हूं। मेरे मामले में मुख्यमंत्री को गुमराह किया गया।
विज्ञापन
उन्होंने कहा, ‘मुझ पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई इसलिए नहीं की गई कि मैंने अलीगढ़ में सीएए के विरोध में संबोधन किया। बल्कि इसलिए कि गई कि मेरी रिहाई होने वाली थी और किसी तरह मुझे जेल में रखा जाए।
डॉ. कफील ने कहा कि महामारी के समय में देश सेवाएं ले सकता था लेकिन अपनी सेवाएं परिस्थितियोंवश नहीं दे सके। लेकिन अब वह जनता की सेवा करने के लिए तैयार हैं। डॉ. कफील ने उनको समर्थन देने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंशियल डॉक्टर एकेडमी के अध्यक्ष डॉ. हमजा मलिक सहित सभी पदाधिकारी और सभी एवं छात्रों का आभार व्यक्त किया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।