मसूदाबाद स्थित भारतीय जीवन बीमा निगम कार्यालय में अलीगढ़ डिविजन इंश्योरेंस एंपलाइज एसोसिएशन द?
- फोटो : CITY OFFICE
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
अलीगढ़ डिवीजन इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष विजय एम लाल ने कहा कि एलआईसी आत्मनिर्भरता एवं राष्ट्रवाद का सच्चा प्रतीक है। इसलिए सरकार द्वारा आईपीओ के माध्यम से इसके वर्तमान स्वरूप पर हमले को हम किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं कर सकते।
कार्यकारी अध्यक्ष विजय एम लाल मंगलवार को मंडलीय कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ पूर्व अध्यक्ष सचिन जैन एवं महासचिव ललित शर्मा भी मौजूद थे। एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार को निर्णय लेने का अधिकार है। लेकिन वह अधिकार राष्ट्रहित से ऊपर नहीं हो सकते। एलआईसी जैसे राष्ट्रीयकृत उद्योग के लाभकारी एवं जन उपयोगी स्वरूप पर कोई भी हमला देश की आत्मनिर्भरता एवं आर्थिक संप्रभुता पर हमला होगा। देश के निर्माण एवं विकास में इसके निवेश को दुष्प्रभावित करेगा।
कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि एलआईसी के वर्तमान स्वरूप को बरकरार रखें। 65 वर्ष में देश की आर्थिक प्रगति में एलआईसी का बेहद महत्वपूर्ण एवं अविस्मरणीय योगदान रहा है। पांच करोड़ की आरंभिक पूंजी से शुरू हुआ एलआईसी आज 32 लाख करोड़ की पूंजी का संस्थान बन गया है। देश के 40 करोड़ व्यक्तिगत एवं समूह बीमा की पॉलिसियों के साथ एलआईसी का पॉलिसी बेस विश्व के तीन देशों (चीन, अमेरिका व भारत) को छोड़कर अन्य देशों की जनसंख्या से भी अधिक है।
अलीगढ़ डिवीजन इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष विजय एम लाल ने कहा कि एलआईसी आत्मनिर्भरता एवं राष्ट्रवाद का सच्चा प्रतीक है। इसलिए सरकार द्वारा आईपीओ के माध्यम से इसके वर्तमान स्वरूप पर हमले को हम किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं कर सकते।
कार्यकारी अध्यक्ष विजय एम लाल मंगलवार को मंडलीय कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ पूर्व अध्यक्ष सचिन जैन एवं महासचिव ललित शर्मा भी मौजूद थे। एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार को निर्णय लेने का अधिकार है। लेकिन वह अधिकार राष्ट्रहित से ऊपर नहीं हो सकते। एलआईसी जैसे राष्ट्रीयकृत उद्योग के लाभकारी एवं जन उपयोगी स्वरूप पर कोई भी हमला देश की आत्मनिर्भरता एवं आर्थिक संप्रभुता पर हमला होगा। देश के निर्माण एवं विकास में इसके निवेश को दुष्प्रभावित करेगा।
कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि एलआईसी के वर्तमान स्वरूप को बरकरार रखें। 65 वर्ष में देश की आर्थिक प्रगति में एलआईसी का बेहद महत्वपूर्ण एवं अविस्मरणीय योगदान रहा है। पांच करोड़ की आरंभिक पूंजी से शुरू हुआ एलआईसी आज 32 लाख करोड़ की पूंजी का संस्थान बन गया है। देश के 40 करोड़ व्यक्तिगत एवं समूह बीमा की पॉलिसियों के साथ एलआईसी का पॉलिसी बेस विश्व के तीन देशों (चीन, अमेरिका व भारत) को छोड़कर अन्य देशों की जनसंख्या से भी अधिक है।