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एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में मेडिकल अफसर दो डॉक्टरों को हटाए जाने के संबंध में विश्वविद्यालय के जनसंपर्क कार्यालय के एमआइसी प्रोफेसर शाफे किदवई ने बताया कि दोनों डॉक्टर की नियुक्ति लीव वेकैंसी के सापेक्ष की गई थी। छुट्टियां पूरी होने के बाद वह नियुक्ति स्वयं ही पूरी हो जाती है। उसका कार्यकाल पूरा हो जाता है।
इन दोनों डॉक्टरों के संबंध में 8 अक्तूबर को कार्यकाल पूरा हो गया था, लेकिन इसके बाद भी परिस्थितियों के चलते डॉक्टर्स ने कुछ मेडिकोलीगल दस्तावेज पर अपने हस्ताक्षर किए हैं। जिसके तहत अब विश्वविद्यालय प्रशासन इनकी कार्य अवधि में विस्तार की योजना पर विचार कर रहा है। इस संबंध में जल्द ही निर्देश मेडिकल कॉलेज के कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज को भेज दिए जाएंगे। दूसरी ओर विश्वविद्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाथरस की घटना में पीड़िता के मेडिकोलीगल दस्तावेजों पर इन डॉक्टर्स के हस्ताक्षर होने की संभावना है। जिसके चलते इन डॉक्टरों को सेवा विस्तार दिया गया है। जिससे कि पूछताछ में इनकी उपस्थिति बनी रहे।
एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में मेडिकल अफसर दो डॉक्टरों को हटाए जाने के संबंध में विश्वविद्यालय के जनसंपर्क कार्यालय के एमआइसी प्रोफेसर शाफे किदवई ने बताया कि दोनों डॉक्टर की नियुक्ति लीव वेकैंसी के सापेक्ष की गई थी। छुट्टियां पूरी होने के बाद वह नियुक्ति स्वयं ही पूरी हो जाती है। उसका कार्यकाल पूरा हो जाता है।
इन दोनों डॉक्टरों के संबंध में 8 अक्तूबर को कार्यकाल पूरा हो गया था, लेकिन इसके बाद भी परिस्थितियों के चलते डॉक्टर्स ने कुछ मेडिकोलीगल दस्तावेज पर अपने हस्ताक्षर किए हैं। जिसके तहत अब विश्वविद्यालय प्रशासन इनकी कार्य अवधि में विस्तार की योजना पर विचार कर रहा है। इस संबंध में जल्द ही निर्देश मेडिकल कॉलेज के कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज को भेज दिए जाएंगे। दूसरी ओर विश्वविद्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाथरस की घटना में पीड़िता के मेडिकोलीगल दस्तावेजों पर इन डॉक्टर्स के हस्ताक्षर होने की संभावना है। जिसके चलते इन डॉक्टरों को सेवा विस्तार दिया गया है। जिससे कि पूछताछ में इनकी उपस्थिति बनी रहे।