अतरौली के राशन डीलरों से राशन के उठान के दौरान अवैध वसूली प्रकरण खुलने के बाद मंडलायुक्त ने सख्ती के साथ भ्रष्टाचार से निपटने के निर्देश डीएम को दिए हैं। मंडलायुक्त ने दस दिन के भीतर मार्च माह में बंटे राशन की समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। साथ ही भविष्य में पारदर्शी नीति के तहत खुद की निगरानी में कोटेदारों को राशन देने की व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं।
मंडलायुक्त गौरी शंकर प्रियदर्शी के मुताबिक अवैध वसूली मामले में पूर्ति विभाग के अफसर फंस हैं। उपायुक्त खाद्य अलीगढ़ की जांच में कोटेदारों के आरोप सही पाए गए हैं। इसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर हो बर्दास्त नहीं किया जाएगा। दोषियों पर कार्रवाई अवश्य होगी। बता दें कि अतरौली के 58 राशन डीलरों ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि मार्च में राशन उठान के दौरान सभी राशन डीलरों से 150 किलो गेहूं व चावल काटा गया था।
आरओ एवं वितरण प्रमाणपत्र के नाम पर डीलरों से 25 रुपये प्रति क्ंिवटल के हिसाब से खाद्यान्न के अनुसार आपूर्ति विभाग द्वारा सुविधा शुल्क लिया जाता है। डीलरों को खाली बोरों का वजन नहीं दिया जाता है। जबकि खाली बोरा 600 ग्राम का होता है। डीलरों को आठ रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से लोडिंग व इसी हिसाब से अनलोडिंग तथा 30 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भाड़ा देना पड़ता है। इसकी शिकायत उन्होंने सांसद एटा राजवीर सिंह राजू भईया से की थी।