कोरोना संक्रमण के कारण स्मारकों की बंदी से परेशान गाइडों के लिए केंद्र सरकार ने एक लाख रुपये के लोन की घोषणा तो कर दी, लेकिन ताजमहल के गाइडों ने इसे वित्त मंत्री का मजाक करार दिया है। पर्यटन उद्योग ने भी गाइडों को लोन के साथ वीजा फ्री करने के फैसले को अव्यवहारिक बताया है। गाइडों ने कहा कि डेढ़ साल से कोई ऐसा गाइड नहीं जिसकी मकान, कार या किसी अन्य की किश्त बाउंस न हुई हो। सिबिल खराब होने से कोई बैंक अब लोन नहीं देगा। यह वित्त मंत्री की कोरी आंकड़ेबाजी है, जिसका फायदा हममें से किसी को नहीं मिलने वाला है। ताजनगरी में 4 लाख लोग पर्यटन से जुड़े हैं जो डेढ़ साल से उम्मीद कर रहे थे कि सरकार से उन्हें कोई रियायत मिलेगी, लेकिन जब घोषणा हुई तो पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग न केवल निराश हुए, बल्कि इन घोषणाओं को कागजी और अव्यवहारिक करार दिया।
एक लाख की किश्त कैसे भरेंगे
इससे बड़ा मजाक कोई हो नहीं सकता। पुराने लोन की किश्तें ही नहीं चुका पा रहे, अब एक नया लोन और ले लें। इसे कौन सा बैंक देगा। जब किश्तें नहीं भर पा रहे तो बैंक दे भी देगा तो उस एक लाख की किश्त कैसे भरेंगे। - शमशुद्दीन, अध्यक्ष, आगरा टूरिस्ट गाइड एसो.
इसका फायदा नहीं मिल पाएगा
वित्त मंत्री की घोषणा केवल सुनने में अच्छी है, इसका फायदा नहीं मिल पाएगा। डेढ़ साल से लोग बेरोजगार हैं और अब एक लाख का लोन दिया जाएगा। उसे चुकाएंगे कैसे। सरकार को टूरिस्ट वीजा शुरू करने चाहिए। - सुनील सी गुप्ता, चेयरमैन, आइटो नार्थ
पर कम से कम शुरूआत तो हुई
मार्च 2020 से ताज बंद होने और कोरोना के कारण पर्यटकों के न आने से सबसे बुरा असर पर्यटन पर ही पड़ा। वित्त मंत्री ने लोन की योजना पेश की है, लेकिन इसका ज्यादा फायदा नहीं मिल पाएगा। पर कम से कम शुरूआत तो हुई। - दीपक दान, अध्यक्ष, यूपी टूरिस्ट गाइड वेलफेयर एसो.
...तो अलग कदम उठाए जाते
पर्यटन उद्योग कोई उलाहना न दे, इसलिए वित्त मंत्री ने केवल गाइड, विदेशी पर्यटकों का नाम भर ले लिया। उनके किसी एलान का हमें कोई फायदा नहीं होने वाला। ये कागजी घोषणाएं हैं। हकीकत में फायदा देना होता तो अलग कदम उठाए जाते। - राकेश चौहान, अध्यक्ष, होटल एसोसिएशन
सहायता मुश्किलों को कम करेंगी
पांच लाख पर्यटकों को शुल्क से मुक्ति का कदम पर्यटकों को भारत आने के लिए प्रोत्साहित करेगी। वहीं, छोटे व्यापारियों को 1.25 लाख रुपये तक की ऋण सहायता का कदम उनकी मुश्किलों को कम करने में मददगार साबित होगा। - भरत हासानी, कंपनी सेक्रेटरी, पूर्व अध्यक्ष, कंपनी सचिव संस्थान
ये है वित्त मंत्री की घोषणा में व्यवहारिक मुश्किल
- गाइडों को एक लाख रुपये का लोन मिलेगा
- पूर्व के लोन की किश्त हो चुकी हैं बाउंस
- सिबिल खराब हुई तो बैंक अगला लोन न देगा
- लोन पर ब्याज दरों में सब्सिडी न होने से फायदा नहीं
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विस्तार
कोरोना संक्रमण के कारण स्मारकों की बंदी से परेशान गाइडों के लिए केंद्र सरकार ने एक लाख रुपये के लोन की घोषणा तो कर दी, लेकिन ताजमहल के गाइडों ने इसे वित्त मंत्री का मजाक करार दिया है। पर्यटन उद्योग ने भी गाइडों को लोन के साथ वीजा फ्री करने के फैसले को अव्यवहारिक बताया है। गाइडों ने कहा कि डेढ़ साल से कोई ऐसा गाइड नहीं जिसकी मकान, कार या किसी अन्य की किश्त बाउंस न हुई हो। सिबिल खराब होने से कोई बैंक अब लोन नहीं देगा। यह वित्त मंत्री की कोरी आंकड़ेबाजी है, जिसका फायदा हममें से किसी को नहीं मिलने वाला है। ताजनगरी में 4 लाख लोग पर्यटन से जुड़े हैं जो डेढ़ साल से उम्मीद कर रहे थे कि सरकार से उन्हें कोई रियायत मिलेगी, लेकिन जब घोषणा हुई तो पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग न केवल निराश हुए, बल्कि इन घोषणाओं को कागजी और अव्यवहारिक करार दिया।
एक लाख की किश्त कैसे भरेंगे
इससे बड़ा मजाक कोई हो नहीं सकता। पुराने लोन की किश्तें ही नहीं चुका पा रहे, अब एक नया लोन और ले लें। इसे कौन सा बैंक देगा। जब किश्तें नहीं भर पा रहे तो बैंक दे भी देगा तो उस एक लाख की किश्त कैसे भरेंगे। - शमशुद्दीन, अध्यक्ष, आगरा टूरिस्ट गाइड एसो.
इसका फायदा नहीं मिल पाएगा
वित्त मंत्री की घोषणा केवल सुनने में अच्छी है, इसका फायदा नहीं मिल पाएगा। डेढ़ साल से लोग बेरोजगार हैं और अब एक लाख का लोन दिया जाएगा। उसे चुकाएंगे कैसे। सरकार को टूरिस्ट वीजा शुरू करने चाहिए। - सुनील सी गुप्ता, चेयरमैन, आइटो नार्थ