न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मथुरा
Published by: Abhishek Saxena
Updated Mon, 09 Sep 2019 12:04 AM IST
चंद्रयान-2 की 95 प्रतिशत सफलता को रचने वाले इसरो के वैज्ञानिकों की हौसला आफजाई और 2020 में आगामी चंद्रयान-3 की सफलता को 12 सितंबर को अनंत चतुर्दशी को गोवर्धन की गिरि तलहटी में गिरिराज महाराज चंद्रयान पर विराज कर 21 हजार किलो के छप्पनभोग में दर्शन देंगे।
गिरिराज सेवा समिति के संस्थापक मुरारी अग्रवाल ने बताया कि ब्रज के प्रमुख उत्सवों में शुमार हर अनंत चतुर्दशी पर गोवर्धन में छप्पनभोग के दर्शन होते हैं लेकिन इस बार अभी से 2020 में चंद्रयान-3 की सफलता के लिए सामाजिक संस्था गिरिराज सेवा समिति को इसके लिए प्रेरित किया और इसरो के वैज्ञानिकों के प्रति देश के 130 करोड़ लोगों की ओर से कृतज्ञता प्रकट करने के लिए चंद्रयान-3 में विराज हो रहे गिरिराज के दर्शन कराने का संकल्प लिया।
बताया कि समिति ने चांदी और सप्त रत्नों से बना चंद्रयान तो तैयार किया ही है सोने के पत्रा से बने राउंड ब्लू गोल्डन रोबर को भी उसी तरह बनाया है जिस प्रकार वो चंद्रयान-3 से अलग होकर दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा।
संस्था ने प्रधानमंत्री के साथ इसरो के अध्यक्ष और चंद्रयान से जुड़े वैज्ञानिकों को परिवार के साथ आने न्यौता भी भेजा है। गिरिराज सेवा समिति के अध्यक्ष दीनानाथ अग्रवाल, महामंत्री अशोक कुमार आढ़ती, राजेंद्र सराफ, भगवान दास खंडेलवाल, मुख्य संयोजक राघवेंद्र गर्ग थे।
चंद्रयान-2 की 95 प्रतिशत सफलता को रचने वाले इसरो के वैज्ञानिकों की हौसला आफजाई और 2020 में आगामी चंद्रयान-3 की सफलता को 12 सितंबर को अनंत चतुर्दशी को गोवर्धन की गिरि तलहटी में गिरिराज महाराज चंद्रयान पर विराज कर 21 हजार किलो के छप्पनभोग में दर्शन देंगे।
गिरिराज सेवा समिति के संस्थापक मुरारी अग्रवाल ने बताया कि ब्रज के प्रमुख उत्सवों में शुमार हर अनंत चतुर्दशी पर गोवर्धन में छप्पनभोग के दर्शन होते हैं लेकिन इस बार अभी से 2020 में चंद्रयान-3 की सफलता के लिए सामाजिक संस्था गिरिराज सेवा समिति को इसके लिए प्रेरित किया और इसरो के वैज्ञानिकों के प्रति देश के 130 करोड़ लोगों की ओर से कृतज्ञता प्रकट करने के लिए चंद्रयान-3 में विराज हो रहे गिरिराज के दर्शन कराने का संकल्प लिया।
बताया कि समिति ने चांदी और सप्त रत्नों से बना चंद्रयान तो तैयार किया ही है सोने के पत्रा से बने राउंड ब्लू गोल्डन रोबर को भी उसी तरह बनाया है जिस प्रकार वो चंद्रयान-3 से अलग होकर दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा।
संस्था ने प्रधानमंत्री के साथ इसरो के अध्यक्ष और चंद्रयान से जुड़े वैज्ञानिकों को परिवार के साथ आने न्यौता भी भेजा है। गिरिराज सेवा समिति के अध्यक्ष दीनानाथ अग्रवाल, महामंत्री अशोक कुमार आढ़ती, राजेंद्र सराफ, भगवान दास खंडेलवाल, मुख्य संयोजक राघवेंद्र गर्ग थे।