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Kullu News: 18 कर्मचारियों को घर-दफ्तर लाने और ले जाने के लिए एक साल में ही खर्च कर दिए 95 लाख रुपये

रोशन ठाकुर, संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू Published by: Krishan Singh Updated Tue, 21 Mar 2023 05:00 AM IST
सार

एनएचपीसी प्रबंधन ने नियमों को ताक पर रखकर अपने कर्मचारियों के लिए एचआरटीसी की तीन बसों के साथ एक बोलेरो लगा रखी है। इसकी जांच और सुविधा को बंद करने के लिए पार्वती इंप्लाइज एंड वर्कर्स यूनियन ने एनएचपीसी के निदेशकों और सेबी को पत्र लिखा है। 

NHPC spent Rs 95 lakh on transport facility for 18 employees, complaint to SEBI
एनएचपीसी(स्क्रीन शॉट) - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

एनएचपीसी की पार्वती जलविद्युत परियोजना चरण-दो में काम करने वाले 18 कर्मचारियों के आने-जाने की परिवहन सुविधा पर करोड़ों की राशि खर्च की जा रही है। एक साल में करीब 95 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। एनएचपीसी प्रबंधन ने नियमों को ताक पर रखकर अपने कर्मचारियों के लिए एचआरटीसी की तीन बसों के साथ एक बोलेरो लगा रखी है। इसकी जांच और सुविधा को बंद करने के लिए पार्वती इंप्लाइज एंड वर्कर्स यूनियन ने एनएचपीसी के निदेशकों और सेबी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि मात्र कुछ कर्मचारियों की परिवहन सुविधा पर सालाना 95 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

 

कर्मियों  घर से कार्यालय और कार्यालय से घर छोड़ने का  प्रावधान नहीं

एनएचपीसी लिमिटेड में कर्मचारियों को घर से कार्यालय और कार्यालय से घर छोड़ने का कोई भी प्रावधान नहीं है। तीन कर्मचारियों को नगवाईं से मणिकर्ण के लिए बोलेरो की सुविधा दी जा रही है। यह रोजाना 100 किलोमीटर चल रही है। इसके अलावा छह कर्मचारियों के लिए कुल्लू-सैंज-कुल्लू, पांच कर्मचारियों के लिए कुल्लू-नगवाईं-गड़सा-नगवाईं-कुल्लू के लिए एचआरटीसी की 37 सीटर बस सेवा दे रही है। चार कर्मचारियों के लिए नगवाईं-भुट्टी कॉलोनी-नगवाईं रूट पर एचआरटीसी की 37 सीटर बस को दौड़ाया जा रहा है। यह तीनों बसें भी रोज करीब 100 किलोमीटर दौड़ रही हैं। पार्वती इंप्लाइज एंड वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष अमर सिंह ने कहा कि एनएचपीसी लिमिटेड में महाप्रबंधक से नीचे के स्तर के कार्मिकों को उनके घर से कार्यालय ले जाने के लिए परिवहन की सुविधा देने का कोई प्रावधान नहीं है।


एनएचपीसी के निदेशकों और सेबी को पत्र

एनएचपीसी के निदेशकों और सेबी को पत्र लिखकर परियोजना में अनुबंधित सभी बसों का अनुबंध रद्द करने और श्रमिकों को उनके निवास स्थान से कार्यालय लाने ले जाने पर परिवहन पर हुए खर्च की वसूली करने की मांग की है। कहा कि एनएचपीसी में कार्यरत करीब 90 प्रतिशत कर्मचारियों को परिवहन भत्ता दिया जा रहा है, बावजूद कर्मचारियों के परिवहन पर एनएचपीसी सालाना 95 लाख खर्च कर रहा है। मामले में पार्वती परियोजना चरण दो के प्रभारी निर्मल सिंह ने बात करने से इनकार कर दिया। मुख्य संसदीय सचिव ऊर्जा सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि एनएचपीसी में इस तरह अव्यवस्था के कारण प्रोजेेक्ट पूरे नहीं हो रहे हैं। इसका नुकसान प्रदेश को भी उठाना पड़ रहा है। 

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