{"_id":"64703e99c5ff0c18d70f7625","slug":"hpbose-10th-result-2023-shreya-kanwar-10th-rank-in-himachal-pradesh-2023-05-26","type":"story","status":"publish","title_hn":"HPBOSE 10th Result: स्कूल में पर्याप्त शिक्षक नहीं फिर भी श्रेया कंवर ने छू ली बुलंदी, प्रदेश में 10वां रैंक","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
HPBOSE 10th Result: स्कूल में पर्याप्त शिक्षक नहीं फिर भी श्रेया कंवर ने छू ली बुलंदी, प्रदेश में 10वां रैंक
संवाद न्यूज एजेंसी, नाहन (सिरमौर)
Published by: अरविन्द ठाकुर
Updated Fri, 26 May 2023 10:38 AM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
श्रेया ने कहा कि मुझे पता था कि स्कूल में सुविधाओं का अभाव है। शिक्षकों की भी कमी है। मगर मन में कुछ करने का सपना था और गांव में रहकर ही इसे पूरा करना था।
कुछ करने की इच्छा हो तो सुविधाओं की दरकार आड़े नहीं आती है। मंजिल की चाह में मनुष्य अपने मुकाम पर पहुंच ही जाती है। कुछ ऐसा ही कर दिया है सिरमौर की श्रेया ने। स्कूल शिक्षा बोर्ड के 10वीं कक्षा के नतीजों में प्रदेशभर में 10वें स्थान पर रही श्रेया कंवर ने अपनी सफलता की कहानी खुद लिखी। श्रेया ने कहा कि मुझे पता था कि स्कूल में सुविधाओं का अभाव है।
शिक्षकों की भी कमी है। मगर मन में कुछ करने का सपना था और गांव में रहकर ही इसे पूरा करना था। उन्होंने कहा कि उन्होंने शहर की ओर रुख नहीं किया और यही शिक्षकों की कमी के बावजूद अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करने की ठानी। गणित विषय को पढ़ाने के लिए एक अस्थायी शिक्षक रखा गया, जिसका खर्च बच्चों से एकत्रित किया जाता था। कमियों को उन्होंने अपनी ढाल बनाया और सफलता पाई। श्रेया स्कूल में कभी अनुपस्थित नहीं रही।
जुड़वां बहन के 648 अंक
श्रेया की जुड़वां बहन श्रुति कंवर ने भी 648 अंक (92.57) लेकर स्कूल में तीसरा जबकि, स्नेहा ने 661 अंक कर दूसरा स्थान हासिल किया। कार्यवाहक प्रधानाचार्य सुनपा देवी और टीजीटी मेडिकल अरुण कुमार ने बताया कि ये सफलता ऐतिहासिक है।
ऐसा है स्कूल का हाल, पिता भी शिक्षक
सिरमौर की नौहराधार तहसील का सरकारी स्कूल घंडूरी काफी दुर्गम है। इस स्कूल में अरसे से प्रधानाचार्य का पद खाली है। नॉन मेडिकल समेत एलटी और ड्राइंग मास्टर का पद भी नहीं भरा गया है। इस स्कूल में एक टीजीटी मेडिकल, दो टीजीटी आटर्स, एक शास्त्री और एक पीटीआई तैनात है।
इस सफलता के पीछे इन्हीं अध्यापकों का हाथ है, जिन्होंने होनहार छात्रा को पहचाना और खुद भी मेहनत की। बता दें कि श्रेया कंवर के पिता संजय कुमार यहीं एक निजी स्कूल में शिक्षक हैं, जबकि माता निशा कंवर आशा वर्कर हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।