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Himachal Election Date: हिमाचल विधानसभा चुनाव की घोषणा, 12 नवंबर को मतदान, 8 दिसंबर को नतीजे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला
Published by: विजय पुंडीर
Updated Sat, 15 Oct 2022 09:28 PM IST
सार
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हिमाचल में एक चरण में पूरे प्रदेश में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। 8 दिसंबर को चुनावी नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। भारतीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार दोपहर को नई दिल्ली में प्रेस वार्ता कर चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। हिमाचल में एक चरण में पूरे प्रदेश में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। 8 दिसंबर को चुनावी नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। हिमाचल में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना 17 अक्तूबर को जारी होगी। चुनाव लड़ने के लिए 25 अक्तूबर तक नामांकन पत्र भरे जाएंगे। इनकी छंटनी 27 को होगी, जबकि 29 अक्तूबर को नाम वापस ले सकेंगे। प्रदेश में आचार संहिता लागू होते ही सरकारी घोषणाओं और नई भर्तियों पर भी रोक लग गई है।
हिमाचल और गुजरात में विधानसभा के चुनाव एकसाथ होते थे। आयोग ने अभी गुजरात में चुनावों का एलान नहीं किया है। प्रदेश में विधानसभा की 68 में से 17 सीटें अनुसूचित जाति और तीन सीटें अनुसूचित जनजातिके लिए आरक्षित रहेंगी। इस बार के चुनाव में हिमाचल में 55,74,793 कुल मतदाता हैं। इनमें 55,07,261 सामान्य, 67,532 सर्विस वोटर मताधिकार का प्रयोग करेंगे। कुल पुरुष मतदाता 28,46,201, महिला मतदाता 27,28,555 हैं। 18 प्लस उम्र वाले 43,173 मतदाता, दिव्यांग 56,001, थर्ड जेंडर 37 और 80 प्लस वाले 1.22 लाख मतदाता हैं। सौ से अधिक आयु वर्ग के वोटरों की संख्या 1,184 है।
प्रदेश में कुल 7,881 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जबकि पिछली बार 7,521 मतदान केंद्र थे। एक मतदान केंद्र में 1,500 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। 646 मतदान केंद्र शहरी और शेष 92 फीसदी ग्रामीण इलाकों में हैं। लाहौल का टशीगंग मतदान केंद्र 15,256 फीट की ऊंचाई पर है। यहां कुल मतदाता 55 हैं। सुलह में सबसे ज्यादा 1,04,486 वोटर हैं। चंबा के भरमौर का चस्क भटौरी मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर पैदल चलना होगा और यहां कुल 93 वोटर हैं। दुर्गम क्षेत्रों में ईवीएम पहुंचाने को पहली बार विशेष बैग उपलब्ध कराए हैं। सबसे कम 24,744 वोटर वाला विधानसभा क्षेत्र लाहौल और स्पीति है। किन्नौर के बूथ में सिर्फ 16 वोटर हैं। धर्मशाला के सिद्धवाड़ी में सबसे ज्यादा 1,494 मतदाता हैं।
12 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 20 मतदान केंद्र
प्रदेश में 10 से 12 हजार फीट की ऊंचाई में कुल 65 मतदान केंद्र हैं, जबकि 12 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 20 मतदान केंद्र हैं। चिंतपूर्णी विस क्षेत्र का धुसाड़ा-2 मतदान केंद्र सबसे कम ऊंचाई 300 फीट पर है। यहां कुल मतदाता 894 हैं। 100 साल से अधिक आयु के पुरुष मतदाता 417, जबकि महिलाएं 767 हैं। बता दें कि देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी 105 साल के हैं।
पड़ोसी राज्यों से लगती सीमाएं होंगी सील : डीजीपी
राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने धर्मशाला में बैठक कर पुलिस अधिकारियों को कई निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के साथ लगती लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, यूपी और उत्तराखंड की सीमाओं को पूरी तरह सील किया जाएगा। इस दौरान असामाजिक तत्वों की आवाजाही और नकदी, शराब, नशीली दवाओं आदि के हिमाचल में प्रवेश रोकने के लिए प्रत्येक बैरियर/प्रवेश द्वारों पर निगरानी को बढ़ाया जाए।
डीजीपी 16 अक्तूबर को धर्मशाला में प्रस्तावित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान पुलिस व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाए जाएंगे। डीजीपी ने निर्देश दिया कि गैर जमानती वारंटों के निष्पादन, लाइसेंसी हथियार, अवैध शराब, नशीले पदार्थ, नकदी और अन्य वस्तुओं की जब्ती पर विशेष ध्यान दिया जाए, जिनका उपयोग मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा राज्य में आदर्श आचार संहिता को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। चुनाव संबंधी मामलों में पहले से शामिल उपद्रवियों और व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ सीआरपीसी के तहत निवारक कार्रवाई की जानी चाहिए। भारत निर्वाचन आयोग के सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए और कोई भी पुलिस अधिकारी किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल न हो। चुनावों के चलते अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों और होमगार्डों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों को शत-प्रतिशत मतदान के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात सभी पुलिस कर्मियों के पोस्टल बैलेट समय पर तैयार किए जाएं, जिससे वह चुनाव के दौरान वोट डालने के अपने अधिकार का उपयोग कर सकें।
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