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हिमाचल चुनाव: गंगूराम मुसाफिर ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें, निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर किया नामांकन

अमर उजाला नेटवर्क, शिमला Published by: Digvijay Singh Updated Tue, 25 Oct 2022 05:22 PM IST
सार

इस बार पार्टी हाईकमान ने भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुईं दयाल प्यारी को टिकट दिया है। जिसकी वजह से पच्छाद कांग्रेस की आपसी गुटबाजी भी शुरू हो गई है। इसका कांग्रेस ब्लॉक ने भी विरोध किया। बाद में हाईकमान को पच्छाद कांग्रेस ब्लॉक को भंग करना पड़ा। 

कांग्रेस के बागी गंगूराम मुसाफिर
कांग्रेस के बागी गंगूराम मुसाफिर - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के  लिए नामांकन का आज आखिरी दिन है। पच्छाद के सराहां से करीब 40 साल बाद फिर से गंगूराम मुसाफिर बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए हैं। मंगलवार को उन्होंने सराहां में एसडीएम के समक्ष नामांकन दाखिल किया। इस दौरान मुसाफिर के समर्थन में हजारों लोगों की भीड़ जुटी। गंगूराम  को टिकट न दिए जाने से नाराज समर्थकों ने कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। वहीं  राज्य के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह अमर रहे के नारों से मेला मैदान गूंज उठा।


बता दें कि गंगूराम मुसाफिर ने शनिवार को राजगढ़ में अपने समर्थकों के साथ बैठक कर पार्टी हाईकमान को 25 अक्टूबर तक टिकट बदलने का अल्टीमेटम दिया था। जब हाईकमान ने टिकट नहीं बदला तो मंगलवार को नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन गंगूराम मुसाफिर ने 40 वर्षों के बाद एक बार फिर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया। इससे पहले मुसाफिर 1982 में कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर निर्दलीय विधायक चुने गए थे। उसके बाद वह लगातार 6 बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने।

 

इस बार पार्टी हाईकमान ने भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुईं दयाल प्यारी को टिकट दिया है। जिसकी वजह से पच्छाद कांग्रेस की आपसी गुटबाजी भी शुरू हो गई है। इसका कांग्रेस ब्लॉक ने भी विरोध किया। बाद में हाईकमान को पच्छाद कांग्रेस ब्लॉक को भंग करना पड़ा। 

 

पार्टी के भीतर यहीं से अंतरकलह शुरू हुई। एक सप्ताह पहले जब दयाल प्यारी को टिकट मिला तो गंगूराम मुसाफिर समर्थकों में निराशा छा गई और उनके समर्थकों ने एक बार फिर उन्हें 1982 का इतिहास दोहराने के लिए निर्दलीय मैदान में उतरने के लिए मनाया मनाया। मंगलवार को मुसाफिर ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरने की हुंकार भर दी। इस दौरान सराहां में शक्ति प्रदर्शन के दौरान भारी भीड़ जुटी।

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