अमृतसर के श्री दरबार साहिब में बेअदबी की घटना से देश विदेशों में बसी सिख संगत में रोष है और इसको सिखों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है। पंजाब की खुफिया एजेंसियों से लेकर केंद्रीय एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।
दरअसल, जिस व्यक्ति ने बेअदबी की घटना को अंजाम दिया है, उसकी तलाशी के दौरान पंजाब पुलिस को एक दस्तावेज तक नहीं मिला। यहां तक कि बस या किसी ट्रेन की टिकट तक नहीं थी। आधार कार्ड से लेकर वाहन चालक का लाइसेंस या फिर एक अदद मोबाइल तक नहीं था। जिससे साफ है कि घटना को अंजाम सोची समझी साजिश के तहत दिया गया है।
आला अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक आरोपी श्री दरबार साहिब में आया तो पूरी मर्यादा के साथ पंक्ति में लगा और बकायदा सिर पर खालसाई रंग का रुमाल भी रखा था यानी वह सिख मर्यादा से पूरी तरह वाकिफ था। उसकी जेब से कुछ न मिलना अधिकारियों के माथे पर बल डाल रहा है। आईबी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह वारदात सामान्य नहीं है कि अचानक कोई आया और उसने बेअदबी कर दी। अगर अचानक घटना होती तो आरोपी की जेब में एक अदद मोबाइल तक तो होता। उसकी जेब में पर्स तो होता, कोई दस्तावेज, पार्किग, होटल टिकट तक होती। यह सब नहीं मिला, इसका सीधा मतलब है कि यह एक साजिश का हिस्सा है। पंजाब में चुनाव सिर पर हैं और ऐसे में सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने की साजिश हो सकती है।
वहीं डीसीपी अमृतसर परमिंदर सिंह भंडाल का कहना है कि हमें कोई दस्तावेज यहां तक कि रुमाल तक भी आरोपी की जेब से नहीं मिला है। हम सीसीटीवी कैमरों को खंगाल रहे हैं ताकि साफ हो कि आरोपी कहां से आया था।
देश-विदेश में सिख संगत में रोष
श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटना के बाद देश से लेकर विदेशों में सिख पंथ में रोष फैल गया। तमाम सिख जत्थेबंदियों और पंथक नेताओं का कहना है कि पानी अब सिखों के सिर से निकल चुका है। जिस कौम ने देश को आजादी दिलाई और कुर्बानियों से भरा इतिहास लिखा, उस पंथ पर लगातार हमले हो रहे हैं।
सरबत खालसा द्वारा नियुक्त श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ध्यान सिंह मंड का कहना है घिनौना काम करने वालों के हौसले इस कदर बढ़ गए हैं कि उनके गंदे हाथ श्री दरबार साहब में पावन श्री गुरु ग्रंथ साहिब तक पहुंचने शुरू हो गए हैं। क्या कोई सिख बर्दाश्त कर सकता है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि क्योंकि कानून ने आंखें बंद कर रखी हैं और अदालतों ने दरवाजे। बेअदबी के केसों में अगर इंसाफ पहले दिन से मिला होता तो यह दिन नहीं देखने को मिलता।
जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि सिख कभी श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी बर्दाश्त नहीं कर सकता। हमने बरगाड़ी मोर्चा लगाया जिससे बेअदबी करने वाले को जेल की सलाखों में डाल दो लेकिन एक नहीं सुनी गयी उलटा हमें आश्वासन देकर मोर्चा खत्म करवाया गया। सरकारें बेअदबी की घटनाओं को संजीदगी से नहीं लेती है, जिस कारण संगत का रोष बढ़ता जा रहा है। संगत अगर सड़कों पर आती है तो गोलियों की बौछार होती है। दादूवाल ने कहा कि यह एजेंसियों की साजिश है, बेअदबी करने वाला शख्स यूपी से लेकर पंजाब तक पहुंचता है। फिर अमृतसर और श्री दरबार साहिब में, बेअदबी करता है। यह अपने आप में एक साजिश को दिखाता है। यह सिख पंथ और पंजाब को आग के हवाले करने की घिनौनी साजिश है।
विस्तार
अमृतसर के श्री दरबार साहिब में बेअदबी की घटना से देश विदेशों में बसी सिख संगत में रोष है और इसको सिखों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है। पंजाब की खुफिया एजेंसियों से लेकर केंद्रीय एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।
दरअसल, जिस व्यक्ति ने बेअदबी की घटना को अंजाम दिया है, उसकी तलाशी के दौरान पंजाब पुलिस को एक दस्तावेज तक नहीं मिला। यहां तक कि बस या किसी ट्रेन की टिकट तक नहीं थी। आधार कार्ड से लेकर वाहन चालक का लाइसेंस या फिर एक अदद मोबाइल तक नहीं था। जिससे साफ है कि घटना को अंजाम सोची समझी साजिश के तहत दिया गया है।
आला अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक आरोपी श्री दरबार साहिब में आया तो पूरी मर्यादा के साथ पंक्ति में लगा और बकायदा सिर पर खालसाई रंग का रुमाल भी रखा था यानी वह सिख मर्यादा से पूरी तरह वाकिफ था। उसकी जेब से कुछ न मिलना अधिकारियों के माथे पर बल डाल रहा है। आईबी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह वारदात सामान्य नहीं है कि अचानक कोई आया और उसने बेअदबी कर दी। अगर अचानक घटना होती तो आरोपी की जेब में एक अदद मोबाइल तक तो होता। उसकी जेब में पर्स तो होता, कोई दस्तावेज, पार्किग, होटल टिकट तक होती। यह सब नहीं मिला, इसका सीधा मतलब है कि यह एक साजिश का हिस्सा है। पंजाब में चुनाव सिर पर हैं और ऐसे में सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने की साजिश हो सकती है।
वहीं डीसीपी अमृतसर परमिंदर सिंह भंडाल का कहना है कि हमें कोई दस्तावेज यहां तक कि रुमाल तक भी आरोपी की जेब से नहीं मिला है। हम सीसीटीवी कैमरों को खंगाल रहे हैं ताकि साफ हो कि आरोपी कहां से आया था।
देश-विदेश में सिख संगत में रोष
श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटना के बाद देश से लेकर विदेशों में सिख पंथ में रोष फैल गया। तमाम सिख जत्थेबंदियों और पंथक नेताओं का कहना है कि पानी अब सिखों के सिर से निकल चुका है। जिस कौम ने देश को आजादी दिलाई और कुर्बानियों से भरा इतिहास लिखा, उस पंथ पर लगातार हमले हो रहे हैं।
सरबत खालसा द्वारा नियुक्त श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ध्यान सिंह मंड का कहना है घिनौना काम करने वालों के हौसले इस कदर बढ़ गए हैं कि उनके गंदे हाथ श्री दरबार साहब में पावन श्री गुरु ग्रंथ साहिब तक पहुंचने शुरू हो गए हैं। क्या कोई सिख बर्दाश्त कर सकता है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि क्योंकि कानून ने आंखें बंद कर रखी हैं और अदालतों ने दरवाजे। बेअदबी के केसों में अगर इंसाफ पहले दिन से मिला होता तो यह दिन नहीं देखने को मिलता।
जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि सिख कभी श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी बर्दाश्त नहीं कर सकता। हमने बरगाड़ी मोर्चा लगाया जिससे बेअदबी करने वाले को जेल की सलाखों में डाल दो लेकिन एक नहीं सुनी गयी उलटा हमें आश्वासन देकर मोर्चा खत्म करवाया गया। सरकारें बेअदबी की घटनाओं को संजीदगी से नहीं लेती है, जिस कारण संगत का रोष बढ़ता जा रहा है। संगत अगर सड़कों पर आती है तो गोलियों की बौछार होती है। दादूवाल ने कहा कि यह एजेंसियों की साजिश है, बेअदबी करने वाला शख्स यूपी से लेकर पंजाब तक पहुंचता है। फिर अमृतसर और श्री दरबार साहिब में, बेअदबी करता है। यह अपने आप में एक साजिश को दिखाता है। यह सिख पंथ और पंजाब को आग के हवाले करने की घिनौनी साजिश है।