रोमानिया के रास्ते सिसौली की खुशी बालियान स्वदेश लौट आई है। थका देने वाले सफर के बाद दिल्ली पहुंची छात्रा ने बताया कि रोमानिया में भीड़ बढ़ रही है। पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। बेकाबू होती भीड़ देखकर हवाई फायर भी पुलिस ने किए। सभी लोगों को धीरे-धीरे फ्लाइट दी जा रही है। इवानो समेत अन्य प्रमुख शहरों में बम धमाके हो रहे हैं। रोमानिया से लौटे उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राओं को दिल्ली में यूपी भवन ले जाया गया है।
शनिवार को इवानो शहर से बस में सवार होकर भारतीय छात्रों का दल रोमानिया के लिए चला था। रात के समय बॉर्डर पर पहुंचे, तो जाम में फंस गए। करीब 12 किमी पैदल चलकर किसी तरह बॉर्डर पर पहुंचे, लेकिन यहां प्रवेश नहीं मिला। रात के करीब 11 बजे किसी तरह एंट्री शुरू हुई। इसके बाद एयरपोर्ट पर ही छात्र-छात्राओं ने आराम किया।
रविवार सुबह की फ्लाइट में उनका नंबर लग गया, जिससे वह शाम के समय दिल्ली उतरी। खुशी ने बताया कि इवानो समेत अन्य प्रमुख शहरों में बम धमाके हो रहे हैं। भारतीय दूतावास के सहयोग से इवानो के सबसे पास पड़ने वाले रोमानिया के जरिए उन्हें स्वदेश लौटने का मौका मिल गया। बड़ी संख्या में छात्र रोमानिया में हैं, जिन्हें भारत लाने का इंतजाम दूतावास की ओर से किया जा रहा है। खुशी के पिता योगेश बालियान ने बताया कि भारतीय दूतावास ने बहुत मदद की है।
वाहन पर तिरंगा लगाकर रोमानिया बॉर्डर पहुंचा अमन
चरथावल कस्बे का अजीम यूक्रेन से तिरंगा लगी गाड़ी से रोमानिया के एयरपोर्ट पर पहुंच गया है। पिता मेहरबान त्यागी बताते हैं बेटा 15 युवकों के साथ गाड़ी से 700 किमी का सफर तय कर रविवार सुबह 10 बजेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेे रोमानिया बॉर्डर पर पहुंचा। सभी छात्र पांच दिन का खाद्य सामग्री लेकर रवाना हुए हैं। एयरपोर्ट पर नंबर लगने के बाद वह स्वदेश पहुंचेगा। पूरा परिवार उनके आने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
उधर, नंगला राई के अमन को फ्लाइट नहीं मिलने के कारण पोलिस बॉर्डर से वापस भेज दिया। पिता गुफरान ने बताया बेटा 35 किमी पैदल चलकर पहाड़ों सरीखी दिक्कत झेलकर बॉर्डर पहुंचा था, लेकिन वहां वतन वापसी का कोई बंदोबस्त नहीं हो पाया। वहां से रात को यूक्रेन के जिस शहर से आए थे, वहीं वापस भेज दिया गया। भूख-प्यास और तनाव भरी जिंदगी काटने को मजबूर हैं। पैर सूझ गए हैं। भारतीय दूतावास से फंसे युवाओं की माकूल हिफाजत करने की अपील है।
धमाकों की आवाज उड़ा रही नींद
शाहपुर क्षेत्र के गांव कसेरवा निवासी उम्मीद अली ने बताया कि उनका पुत्र हसन चौधरी खारकीव यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहा है। वर्तमान में वह अन्य छात्रों के साथ यूनिवर्सिटी में बने बंकर में रह रहा है। रात हो या दिन तेज धमाकों की आवाज से बच्चे सो नही पा रहे है । वहीं, कीव में रात का कर्फ्यू व मार्शल लॉ लगे होने से बच्चे बंकरों में कैद हो कर रह गए।
गांव बसीकलां का छात्र अबुजर के भाई अहसान ने बताया कि उसका भाई व्यवस्था कर राजधानी कीव से अपनी यूनिवर्सिटी उजारोहोद पहुंच गया है। गांव सोरम के छात्र अनस चौधरी के पिता तनवीर चौधरी ने बताया कि उनका पुत्र अपनी यूनिवर्सिटी में ही है। वह भारतीय दूतावास के संपर्क में है। तीनों छात्रों के परिजनों ने जिलाधिकारी से भी बातचीत की है।
छात्रों को नहीं मिला खाना, बिस्क्टि पानी से भरा पेट
यूक्रेन में जानसठ व आसपास गांवों के एमबीबीएस के छह छात्र अभी तक फंसे हुए हैं। कस्बे के रहने वाले मोहम्मद मुस्तकीम, अनस व शाहफिज तथा इनके अलावा गांव पिमौड़ा निवासी फिरोज आलम, मोहम्मद रजी, सलमान छात्र शामिल हैं। परिजनों को उनकी चिंता सता रही है। परिजनों ने बताया कि सभी छात्र बस के द्वारा लबीबा एयरपोर्ट पर पहुंच गए हैं। उन्हें खाना नहीं मिल रहा है। सरकार को तुरंत ही इंतजाम करने चाहिए।