शुक्रवार को हुए बवाल में बड़ी अनहोनी होने से बच गई। खुफिया विभाग ने जो रिपोर्ट शासन को भेजी है, उसमें बताया गया कि हापुड़ रोड पर बलवाई पुलिस बल की जान लेने पर आमादा थे। इसी के चलते पुलिस फोर्स को निशाना बनाया। बलवाई सीधे फायरिंग करने के अलावा आगजनी कर रहे थे।
हापुड़ रोड पर जिस स्थान पर आरएएफ के दो जवानों और पीएसी के 35 प्रशिक्षु सिपाहियों को बिल्डिंग में बंद किया था, उसमें बलवाइयों का इरादा तेल उड़ेलकर आग लगाना था। अगर फोर्स और तीन मिनट मौके पर नहीं पहुंचती तो कुछ भी हो सकता था।
हापुड़ रोड पर सिटी हॉस्पिटल के पास सैकड़ों की संख्या में बलवाइयों ने आगजनी शुरू की। जिसके बाद जब पुलिस फोर्स पहुंची तो पुलिस पर फायरिंग की गई। इस दौरान हापुड़ रोड, लिसाड़ीगेट, खत्ता रोड पर भी बलवा शुरू हो गया।
हापुड़ रोड पर भवानी नगर के सामने सैकड़ों की संख्या में भीड़ ने फायरिंग शुरू कर दी। भीड़ ने एक दुकान में घुसे पीएसी के प्रशिक्षु सिपाहियों, आरएफ के दो जवानों और एक मजिस्ट्रेट को बंधक बना लिया था। आरएएफ के जवानों की सूचना पर नौचंदी और सिविल लाइन पुलिस ने वहां तक पहुंचने की कोशिश की।
लेकिन सामने से बलवाई फायरिंग कर रहे थे। बलवाइयों ने सड़क पर टायर रखकर आग लगा दी। कई स्थानों पर पेट्रोल बम फेंके गए। बाद में आरएएफ की क्यूआरटी ने सभी को सुरक्षित निकाला था। अधिकारियों का कहना है कि यदि दो या तीन मिनट तक फोर्स नहीं पहुंचती तो अप्रिय घटना हो सकती थी।