विकास दुबे के इतने चेहरे हैं कि उसे अच्छे अच्छे नहीं पहचान पाएं। दुश्मनी निभाने में उसने अपने सगे संबंधियों तक को नहीं छोड़ा। न सिर्फ चचेरे भाई की हत्या में उसका हाथ रहा, बल्कि प्रेमिका से पत्नी बनी युवती और उसके भाई तक का भी जानी दुश्मन बन गया।
इन दोनों की हत्या के लिए वह लंबे समय तक प्रयासरत रहा। आखिरकार विकास के भय की वजह से युवती उसकी शरण में आ गई और भाई हमेशा के लिए यूपी छोड़कर भाग गया।
वर्ष 1995 के विकास व राजू संपर्क में आए
यह कहानी है शास्त्री नगर के शातिर बदमाश राजू खुल्लर और उसकी बहन सोनू की। आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हुए राजू खुल्लर और विकास दुबे वर्ष 1995 के आसपास एक दूसरे के संपर्क में आए। कुछ ही समय में राजू विकास का जिगरी हो गया।
विकास के तमाम गैर कानूनी धंधे संभालने लगा। घर में आने जाने की वजह से उसकी बहन सोनू से विकास के प्रेम संबंध हो गए। बाद में विकास ने सोनू से शादी की तो राजू साला हो गया। इन वर्षों में विकास ने बेशुमार दौलत कमाई। सब की सब सोनू के नाम करता गया।
काफी समय तक राजू बहन संग गायब रहा
विकास के साथ राजू खुल्लर की भी ताकत बढ़ती गई। वर्ष 2000 में ताराचंद्र इंटर कालेज के सेवानिवृत्त प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडेय और वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री की हत्या के बाद विकास कभी जेल में रहा तो कभी फरार रहा। अगले पांच वर्ष इसी लुकाछिपी में बीते। इस दौरान विकास की सारी सत्ता काफी हद तक राजू खुल्लर और उसकी बहन सोनू के पास रही। इसी बीच सोनू के संबंध विकास के एक बहुत ही खास शख्स से हो गए। तीनों ने विकास से दूरी बनाने का प्रयास किया। राजू बहन सोनू को लेकर काफी समय तक गायब रहा।