बिकरू गांव में हुए एनकाउंटर के मामले में बुधवार को गिरफ्तार हुए बदमाशों ने बड़ा खुलासा किया है। बताया है कि वारदात को अंजाम देने के बाद विकास दुबे व उसके दो साथी शिवली में एक दोस्त के घर छिपे रहे थे। उसके बाद ट्रकों के जरिये अलग-अलग शहर होते हुए हरियाणा के फरीदाबाद पहुंचे।
साफ है कि वारदात के बाद कानपुर नगर और देहात पुलिस खाक छानती रही और खूंखार बदमाश उसकी नाक के नीचे से फरार हो गए। पुलिस की लापरवाही का खुलासा डीजी मुख्यालय से जारी प्रेसनोट में भी किया गया है। वारदात के बाद विकास के साथी अलग-अलग रास्तों से फरार हुए।
कोई बाइक तो कोई साइकिल से गया। विकास खुद साइकिल से खेतों के रास्ते शिवली पहुंचा था। उसके साथ अमर दुबे और कार्तिकेय भी थे। तीनों भागकर शिवली पहुंचे और दो दिन तक छिपे रहे। उसके बाद कार्तिकेय अलग व विकास-अमर एक साथ बाइक से लखनऊ की ओर रवाना हुए।
आगे इन दोनों ने बाइक छोड़ दी। बाइक कहां है, इसकी जांच जारी है। आगे अमर और विकास ट्रक पकड़ कर हरियाणा पहुंचे। यहां पहले होटल और फिर बाद में अंकुर के घर को ठिकाना बनाया। हैरानी की बात ये है कि घटना के कुछ ही देर बाद पुलिस ने रेंज की सीमाएं सील कर दी थीं।
जिला पुलिस उसके परिचितों व रिश्तेदारों के घर पर दबिश डाल रही थीं तो सवाल है कि आखिर कानपुर देहात और नगर पुलिस शिवली में विकास को घेर क्यों नहीं सकी।