उत्तर प्रदेश के कन्नौज में दिमागी बुखार से बच्चे की जिला अस्पताल में मौत हो गई। परिजनों ने डाॅक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा काटा। बताया कोरोना के खौफ के चलते घंटों डॉक्टरों ने बच्चे को छुआ तक नहीं। समय से इलाज न मिलने से मासूम की सांसें थम गई। सीएमएस ने शव वाहन से परिजनों समेत बच्चे को घर भिजवाया।
सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव मिश्रीपुर निवासी प्रेम चंद्र के चार वर्षीय पुत्र अनुज को कई दिनों से बुखार था। रविवार को बुखार के चलते हालत बिगड़ी तो परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। काफी देर तक वह बच्चे को लेकर इधर उधर भटकता रहा। इसके बाद इमरजेंसी में लेकर पहुंचा।
बच्चे की हालत खराब होने से डाॅ. वीके शुक्ला ने जांच करने के बाद बच्चों के डाॅक्टर पीएम यादव के पास भेजा। काफी देर तक इधर उधर भटकने से बच्चे की मौत हो गई। इस पर परिजनों ने जिला अस्पताल में हंगामा काटना शुरू कर दिया। प्रेमचंद्र ने जिला अस्पताल के डाॅक्टरों पर आरोप लगाया कि कोरोना के चलते उसके बच्चे को इलाज नहीं दिया गया।
इससे उसकी मौत हो गई। आधा घंटे तक हंगामा करने के बाद जानकारी सीएमएस को हुई तो उन्होंने परिजनों को समझाकर शव के साथ परिजनों को शव वाहन से घर भेजा। सीएमएस डाॅ. यूसी चतुर्वेदी ने बताया कि बच्चे को पहले इमरजेंसी में उपचार दिया गया।
दिमागी बुखार होने से डाॅ. पीएम यादव ने भी देखा और बच्चे को कानपुर ले जाने की सलाह दी। समय से जिला अस्पताल न लाने से उसे कानपुर नहीं भेजा जा सका। उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं की गई है। वहीं सीएमओ डाॅ. कृष्ण स्वरूप ने बताया उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। अगर शिकायत आती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।