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दर्दनाक है पूरी कहानी: बूढ़े माता-पिता का आखिरी सहारा थी डॉक्टर प्रिया... पर दुश्मनों ने छीन ली जिंदगी, देखें तस्वीरें

अमर उजाला ब्यूरो, बिजनौर Published by: कपिल kapil Updated Sun, 31 Oct 2021 02:37 AM IST
Police could not arrest the accused in the case of murder of Dr Priya Sharma in Bijnor
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उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक ऐसी वारदात हुई है, जिसे जानकर हर किसी रूह कांप गई। जी हां, डॉक्टर प्रिया शर्मा अपने बूढ़े माता-पिता का आखिरी सहारा था लेकिन दुश्मनों ने उसकी जिंदगी छीन ली। शुक्रवार को साकेत कॉलोनी की सुनसान गली में शिक्षिका डॉ. प्रिया शर्मा (35 वर्ष) पुत्री गणेशदत्त शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वर्तमान में महिला अपने मायके सुरेंद्र नगर बिजनौर में रह रही थी। वहीं गोली चलने की आवाज सुनकर लोग अपने घरों से बाहर निकले, तब तक बाइक सवार हत्यारोपी फरार हो गए। एक निर्माणाधीन मकान में काम कर रहे दो मजदूरों ने बाइक पर सवार दो लोगों को तेजी से फरार होते देखा। मृतका के पास से मिले मोबाइल के आधार पर उसकी पहचान हो सकी।
 
मृतक महिला के परिजनों और पुलिस के मुताबिक प्रिया शर्मा का अपने पति से विवाद चल रहा था। पिछले दस माह से वह अपने पिता के घर सुरेंद्र नगर में रह रही थी। बताया कि हत्या करने से पहले भी उसका पति तीन बार मारने का प्रयास कर चुका था। दस दिन पहले इसी गली में उसके पति और उसके एक साथी ने दोनों तरफ से घेर लिया था, जिनके हाथों में तमंचे थे। उस वक्त वह एक घर में घुस गई थी। बाद में उक्त मकान के मालिक प्रिया शर्मा को कॉलेज तक छोड़कर आए। इससे पहले कार से टक्कर मारने की भी कोशिश की गई थी। इसके अलावा उसका पति लगातार पीछा कर रहा था।
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रिश्ता बचाने की खातिर दे चुकी थी पंद्रह लाख
नेट क्वालीफाई और अंग्रेजी में पीएचडी धारक प्रिया शर्मा बेहद ही होनहार थी। डिग्री कॉलेज में नौकरी और डिग्री होने के बावजूद जिंदगी के इम्तिहान में पास नहीं हो सकी। हालांकि उसने घर संभालने और रिश्ता बचाने को भरपूर प्रयास किए। शादी के बाद से अपने पति को पंद्रह लाख रुपया दे चुकी थी। तनख्वाह भी ससुरालियों के खातों में ट्रांसफर करती रही। इसके बाद भी उत्पीड़न नहीं थमा। आखिरकार गोली मारकर हत्या कर दी गई।
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पुलिस की ‘आंख’ बंद, वारदात कर फरार हो जाते बदमाश
बिजनौर में पुलिस की ‘आंख’ समझे जाने वाले सीसीटीवी कैमरे बरसात नहीं झेल पाए और अधिकांश कैमरे बंद पड़े हैं। पुलिस वारदात के बाद इन्हें देखने की कोशिश करती है तो पता चलता है कि ये बंद पड़े हैं। शुक्रवार को हुई महिला प्रवक्ता डॉक्टर प्रिया शर्मा की हत्या के बाद भी यही हुआ, पुलिस को वारदात वाले रास्ते पर निजी मकानों पर लगे कैमरों में महिला तो जाती नजर आई, लेकिन हत्यारों का कोई सुराग नहीं लगा। मुख्य चौराहों पर लगे अधिकांश कै मरे खराब मिले। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बिजनौर शहर में पुलिस ने अपने बजट और आम जनता के सहयोग से प्रमुख चौराहों पर कई साल पहले 11 सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। जिनका कंट्रोल रूम सीओ सिटी के कार्यालय में बना हुआ है। पूरे शहर में कंट्रोल रूम से ही नजर रखी जाती थी। वक्त के साथ यह व्यवस्था बिगड़ती चली गई। अब आलम ये हुआ कि एक-एक कर सभी सीसीटीवी कैमरे खराब हो गए। इनमें कुछ सीसीटीवी नाइट विजन भी थे, जिनसे रात की फुटेज भी देखी जाती थी। 
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बता दें कि शहर में प्रमुख चौराहों पर खुले में ही सीसीटीवी लगे हुए हैं। खुले में लगे सीसीटीवी बरसात नहीं झेल पाते। पिछले साल कुछ कैमरों को बदलवाया भी गया था। अब बरसात के बाद ये भी खराब हो गए। बताया जा रहा है कि बारिश की वजह से इनकी वायरिंग आदि में दिक्कत हो जाती है।
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कंट्रोल रूम की निगहबानी पर उठे सवाल 
कैमरे लगाने के साथ ही निगरानी के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया था। बड़ा सवाल यही है कि जब इनसे निगरानी हो  रही है तो फिर खराब होने का पता तत्काल क्यों नहीं चलता। क्यों नहीं उन्हें ठीक कराया जाता। 
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