फाफामऊ में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या के मामले में गिरफ्तार पवन सरोज सोमवार को जेल भेज दिया गया। इसके साथ ही उसका डीएनए सैंपल भी एकत्र कर जांच के लिए आगरा स्थित फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी में भेज दिया गया। पुलिस की नजर अब उसके फरार साथी गंगे और रिश्तेदार सोनू पर टिकी है जिनकी तलाश में पूरे दिन दबिश दी जाती रही। लेकिन दोनों का कुछ पता नहीं चला। अफसरों का कहना है कि उनके पकड़े जाने के बाद बहुत सी अन्य बातें भी स्पष्ट हो जाएंगी।
पवन को पुलिस ने सोमवार शाम को कोर्ट में पेश किया। जहां मजिस्ट्रेट ने पुलिस की रिमांड अर्जी स्वीकार करते हुए उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का आदेश दिया। इसके बाद पुलिस ने उसे नैनी जेल में ले जाकर दाखिल करा दिया। इससे पहले आरोपी से गहन पूछताछ चलती रही। सूत्रों का कहना है कि उसने कत्ल की बात तो स्वीकार नहीं की लेकिन मोबाइल चैट और अपने शरीर पर मिले चोटों के निशान के बाबत कुछ संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। दोस्त गंगे और रिश्तेदार सोनू के गायब होने के संबंध में भी वह इधर-उधर की बातें करता रहा।
आरोपियों की तलाश में पुणे पहुंची टीम
उधर, आरोपी गंगे की तलाश में पुलिस की एक टीम पूणे पहुंच गई है। हालांकि देर रात तक उसका कुछ पता नहीं चल सका था। इसी तरह दो दिन पहले लापता आरोपी सोनू की तलाश में भी एसओजी की एक टीम लगी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जेल भेजे जाने से पहले आरोपी पवन के खून, नाखून व बालों का नमूना भी लिया गया। प्रभारी एसएसपी आईपीएस सौरभ दीक्षित ने बताया कि नमूनों को डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया है। अन्य आरोपियों की तलाश में टीमें लगाई गई हैं।
दो महीने पहले दर्ज मामले में चार नामजद आरोपी गिरफ्तार
प्रयागराज। फाफामऊ हत्याकांड में मृतकों के परिजनों की तहरीर पर नामजद कराए गए 11 आरोपियों में से चार को दो महीने पहले दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार कर लिया गया। मृतक फूलचंद के परिजनों की ओर से इसी साल 22 सितंबर को विपक्षियों के खिलाफ मारपीट, गालीगलौज, छेड़छाड़ व एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। इनमें आकाश, अभय, रवि, मनीष व कमलेश शामिल हैं।
पूर्व में पकड़े गए आरोपियों की संलिप्तता की हो रही जांच
पुलिस ने बताया कि कमलेश मोबाइल चोरी के मामले में जेल में है। जबकि अन्य चार आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। यह चारों गोहरी में पांच दिन पहले हुए सामूहिक हत्याकांड में भी नामजद हैं। फिलहाल पुराने मुकदमे में विवेचना में सामने आए साक्ष्यों के आधार पर उन्हें जेल भेजा गया है। सामूहिक हत्याकांड में उनकी भूमिका की जांच चल रही है। उनके डीएनए सैंपल जांच के लिए लैब भेजा गया है। गौरतलब है कि हत्याकांड के बाद जिन दो मुकदमों में कार्रवाई न करने का आरोप परिजनों ने लगाया था, उनमें से एक उपरोक्त मुकदमा भी था।
किसी को क्लीन चिट नहीं, साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई
पुलिस ने भले ही पवन सरोज को जेल भेज दिया हो लेकिन हत्याकांड को लेकर कई सवालों का जवाब मिलना अभी बाकी है। मसलन हत्या में शामिल लोगों की संख्या, घटनाक्रम समेत अन्य कई ऐसे सवाल हैं जो अभी अनसुलझे हैं। मसलन महज परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर ही आरोपी को गिरफ्तार क्यों किया गया। वारदात के वक्त आरोपी की लोकेशन क्या थी। हत्या में चार से ज्यादा लोगों के शामिल होने की आशंका, ऐसे में अन्य आरोपियों के नाम का खुलासा कब होगा। हालांकि पुलिस अफसरों का अपना तर्क हैं जो इस प्रकार से हैं।