मथुरा जिले में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की ट्रैक्टर रैली को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट है। सोमवार को कई क्षेत्रों से किसानों ने दिल्ली जाने का प्रयास किया, जिन्हें रोक दिया गया। किसानों को रोकने के लिए पुलिस को कुछ जगहों पर मशक्कत करनी पड़ी तो कहीं 'गांधीगीरी' का रास्ता अपनाया। लेकिन किसानों को दिल्ली नहीं जाने दिया। बलदेव क्षेत्र में पुलिसकर्मी रास्ते पर ही बैठ गए। इससे ट्रैक्टर रैली यमुना एक्सप्रेसवे पर नहीं चढ़ सकी। इस पर किसानों ने भी एक्सप्रेसवे के नीचे धरना प्रदर्शन किया।
राया क्षेत्र में नए कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को किसान ट्रैक्टर रैली के लिए अपने-अपने ट्रैक्टरों के साथ यमुना एक्सप्रेसवे के राया कट पर पहुंचे। यहां से वे दिल्ली के लिए कूच करने लगे तो पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। किसान काफी देर तक राया कट पर डटे रहे। केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। बाद में प्रशासन के समझाने पर किसान मान गए और एसडीएम को ज्ञापन देकर लौट गए।
सोमवार सुबह से ही पुलिस का यमुना एक्सप्रेसवे पर कड़ा पहरा था। जब किसानों को एक्सप्रेसवे पर नहीं चढ़ने दिया तब किसानों ने राया कट पर ही केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। किसान नेताओं और प्रशासन के बीच हुई बातचीत के बाद किसान मान गए और एडीएम बृजेश कुमार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
बलदेव में भाकियू कार्यकर्ताओं ने तीन स्थानों अबैरनी चौराहा, नरहौली चौराहा एवं खप्परपुर की बैरिकेडिंग ट्रैक्टर एवं हाथों से हटा दी। जब किसान नहीं माने तो पुलिसकर्मी रास्ते पर बैठ गए। इस दौरान एसडीएम दीक्षा जैन, सीओ आरती सिंह, थानाध्यक्ष जसवीर सिंह मौजूद थे। रैली को खप्परपुर पर रोका गया। यहां ट्रैक्टर रैली धरने में तब्दील हो गई। अफसरों के समझाने पर धरना समाप्त हुआ।
चौमुहां के गांव तरौली में किसान नेता छीतर सिंह के नेतृत्व में किसान ट्रैक्टरों से दिल्ली कूच करने वाले थे। तभी प्रशासन को इसकी भनक लग गई। तहसीलदार विवेकशील यादव एवं कोतवाल रवि त्यागी मय फोर्स मौके पर पहुंच गए। तहसीलदार और किसान सभा के नेता छीतर सिंह के बीच काफी देर वार्ता हुई। इसके बाद किसान मान गए और घरों को वापस चले गए।