उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस के साथ हुई दिल दहलाने वाली घटना ने कई परिवारों की खुशियां छीन ली हैं। इनमें आगरा और मथुरा के दो परिवार भी शामिल हैं, जिनके लाल दो साल पहले ही पुलिस में भर्ती हुए थे। बेटों की पुलिस में नौकरी लगने से परिवारों में खुशियां आनी शुरू ही हुई थीं, लेकिन बदमाशों की दुस्साहसिक करतूत से इनके परिवारों में मातम पसर गया है।

कानपुर में गुरुवार की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इसमें शहीद हुए आठ पुलिसकर्मियों में से सिपाही बबलू कुमार आगरा और जितेंद्र मथुरा के रहने वाले थे। शुक्रवार की सुबह जब इनकी शहादत की खबर मिली तो परिवारों में कोहराम मच गया। शहीद सिपाहियों के गांवों में गम और गुस्से का माहौल है।
Vikas Dubey: कौन है हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे, जिसे पकड़ने गए आठ पुलिसकर्मियों ने गंवाई अपनी जान, जानिए सब कुछ
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आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र के गांव पोखर पांडे निवासी बबलू कुमार 2018 में पुलिस में भर्ती हुए थे। कुख्यात बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम में 23 वर्षीय बबलू कुमार भी शामिल थे। गोली लगने से वो शहीद हो गए। सिपाही बबलू की शहादत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया।

शहीद बबलू के परिवार की आर्थिक स्थित ठीक नहीं है। इनके पिता छोटेलाल राजमिस्री हैं। बबलू चार भाइयों में तीसरे नंबर के थे। बड़े भाई दिनेश और बृजेश भी पिता के साथ काम करते हैं। छोटे भाई उमेश ने इसी साल इंटर पास किया है। ग्रामीणों ने बताया कि बबलू की पुलिस में नौकरी लगने के बाद परिवार में उम्मीद की किरण जागी थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

कानपुर मुठभेड़ में शहीद हुए मथुरा जिले के सिपाही जितेंद्र गांव बरारी के रहने वाले थे। उनके परिजन तंतुरा नवादा में रहते हैं। जितेंद्र के शहीद होने की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। 26 साल के जितेंद्र दो साल पहले ही पुलिस में भर्ती हुए थे। उनकी अभी शादी नहीं हुई थी। परिवार में उनके पिता तीर्थपाल सिंह, मां व भाई-बहन हैं। जितेंद्र का अंतिम संस्कार गांव बरारी में किया जाएगा।
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