उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का परिणाम जारी हो चुका है। मात्र 11.11 फीसदी परीक्षार्थी सफल हो पाए जिससे खासतौर पर शिक्षामित्र आश्चर्यचकित और दुखी हैं। उधर, अब शिक्षक भर्ती की भी तैयारी शुरू हो गई है, लेकिन शिक्षामित्रों के लिए सारे दरवाजे बंद हो चुके हैं। इससे वे ठगा सा महसूस कर रहे हैं। (एक फाइल फोटो)
टीईटी के लिए कुल नौ लाख 76 हजार 760 अभ्यर्थी पंजीकृत हुए थे। प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए कुल तीन लाख 49 हजार 192 तथा उच्च प्राथमिक स्तर के लिए कुल छह लाख 27 हजार 568 पंजीकरण हुए। इसमें 1.37 लाख वे शिक्षामित्र भी शामिल थे, जिनका समायोजन निरस्त हुआ था। समायोजन में शेष रह गए 26000 शिक्षामित्रों ने भी टीईटी के लिए आवेदन किया था। इसमें आठ लाख आठ हजार 348 अभ्यर्थी शामिल हुए।
अलग-अलग संख्या क्रमश: दो लाख 76 हजार 636 एवं पांच लाख 31 हजार 712 रही। प्राथमिक स्तर के लिए सबसे ज्यादा आवेदन शिक्षामित्रों ने ही किए लेकिन परिणाम में प्राथमिक स्तर पर मात्र 47 हजार 975 अभ्यर्थियों के सफल होने से शिक्षामित्रों को बड़ा झटका लगा है।
शिक्षामित्र संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी के मुताबिक टीईटी में करीब 88 फीसदी शिक्षामित्र असफल हो गए। शिक्षामित्रों की चिंता का कारण यह भी है कि वे लंबे समय से परिषदीय विद्यालयों में सेवाएं देते रहे। फिर सरकार ने नियमित किया।
(प्रदर्शन करते शिक्षामित्रों की एक पुरानी तस्वीर।)