राजधानी लखनऊ में वायु प्रदूषण का खराब स्तर गर्भवती महिलाओं के साथ उनके बच्चों के लिए भी काफी खतरनाक साबित हो रहा है। प्रदूषण के चलते जहां समय से पूर्व प्रसव के साथ बच्चों में विकृति आ रही है। प्रसूति एवं महिला रोग विशेषज्ञों के अनुसार वैसे तो वायु प्रदूषण से हर किसी को बचने की जरूरत है, लेकिन महिलाओं और गर्भ में पल रहे बच्चों को इससे विशेष रूप से बचाने की जरूरत है।
केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल की प्रोफेसर डॉ. सुजाता देव के अनुसार सर्दी की शुरुआत पर स्मॉग की समस्या अब सामान्य रूप से देखने को मिल रही है। यह प्रदूषण की वजह से हो रहा है। इस समस्या को देखते हुए कूड़ा जलाने पर सख्त रोक लगाई गई है, लेकिन इससे कहीं ज्यादा खतरनाक जहरीले पदार्थों को जलाना है। इनसे सल्फर डाई ऑक्साइड तथा अन्य विषैले पदार्थ हवा में घुल रहे हैं।
इसके संपर्क में आने पर गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। गर्भवती महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से उनके फेफड़ों पर बुरा असर पड़ रहा है। प्रदूषण की वजह से समय पूर्व प्रसव भी हो रहा है। जहरीले तत्व गर्भ में पल रहे बच्चों में पहुंचकर उनकी जान के लिए खतरा बन रहे हैं तथा उनके विकास में भी बाधा डाल रहे हैं।
केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल की प्रोफेसर डॉ. सुजाता देव के अनुसार सर्दी की शुरुआत पर स्मॉग की समस्या अब सामान्य रूप से देखने को मिल रही है। यह प्रदूषण की वजह से हो रहा है। इस समस्या को देखते हुए कूड़ा जलाने पर सख्त रोक लगाई गई है, लेकिन इससे कहीं ज्यादा खतरनाक जहरीले पदार्थों को जलाना है। इनसे सल्फर डाई ऑक्साइड तथा अन्य विषैले पदार्थ हवा में घुल रहे हैं।
इसके संपर्क में आने पर गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। गर्भवती महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से उनके फेफड़ों पर बुरा असर पड़ रहा है। प्रदूषण की वजह से समय पूर्व प्रसव भी हो रहा है। जहरीले तत्व गर्भ में पल रहे बच्चों में पहुंचकर उनकी जान के लिए खतरा बन रहे हैं तथा उनके विकास में भी बाधा डाल रहे हैं।