जम्मू-कश्मीर सरकार ने हाल में भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग पाने वाले कश्मीरी केसर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाजार में उतारा है, ताकि पश्चिम एशिया में इसके कारोबार को बढ़ावा मिल सके। कश्मीर में पैदा होने वाली केसर को जुलाई में जीआई टैग दिया गया था, जिसका उद्देश्य कश्मीर घाटी के ब्रांड को वैश्विक स्तर पर लाना है।
जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव (कृषि) नवीन के चौधरी ने मंगलवार को यूएई में आयोजित भारत खाद्य सुरक्षा शिखर सम्मेलन 2020 में कश्मीरी केसर की पेशकश की। चौधरी ने कहा, मुझे खुशी है कि पहली बार कश्मीरी केसर को यूएई के बाजार में पेश किया गया है। कश्मीरी केसर जिसे उर्दू में जाफराना कहा जाता है, कई औषधीय फायदों को साथ एक मसाले के रूप में विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। यह जम्मू-कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व भी करता है।
चौधरी ने कहा कि जीआई प्रमाण पत्र मिलने के बाद पहली बार कश्मीरी केसर का निर्यात किया गया। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि इसका निर्यात दुबई और यूएई के दूसरे शहरों में और बढ़ेगा।
केसर का शहर कहलाता है पांपोर
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के पांपोर इलाके में ही केसर की मुख्य खेती है। इसके कारण पांपोर को केसर का शहर भी कहा जाता है।
क्या होता है जीआई टैग
भौगोलिक संकेत (जीआई टैग) ऐसा चिह्न होता है जो उन उत्पादों के लिए जारी किया जाता है जो एक खास भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न होते हैं और इस मूल कारण के चलते उनमें कुछ विशिष्ट गुण होते हैं।