पिछले साल पहले पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद लॉकडाउन उसके बाद कोरोना महामारी की मार ने कश्मीर के पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ दी है। पिछले वर्ष अगस्त से दिसंबर तक 43 हजार पर्यटक कश्मीर पहुंचे थे परंतु इस वर्ष सितंबर यह संख्या सिर्फ 19,000 है। इनमें से बड़ी संख्या मार्च से पहले की है। इसके बावजूद पिछले कुछ सप्ताहो में जिस प्रकार पर्यटकों ने आगामी सीजन को लेकर पूछताछ के दौरान दिलचस्पी दिखाई है। उससे पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों की उम्मीदें भी बढ़ी हैं।
पर्यटन उद्योग से जुड़े कारोबारियों के अनुसार, पिछले कुछ सप्ताहों से पर्यटक गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम घाटी जैसे विख्यात पर्यटन स्थलों के बारे में पूछताछ कर रहे हैं उससे यह सीजन बेहतर होने की उम्मीदें पुख्ता हुई हैं। यह तीनों स्थान पर्यटकों की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक हैं। हालांकि पूछताछ करने वालों की संख्या कम हैं परंतु यह वृद्धि स्थिर है।
ट्रैवल्स एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष अध्यक्ष फारूक अहमद कुथू इसे लेकर काफी सकारात्मक हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग ने भी कुछ गतिविधियां शुरू कर दी हैं। कश्मीर की यात्रा करने के लिए लोगों की रुचि बढ़ रही है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि सर्दियों के मौसम में कुछ बेहतर होगा। बुकिंग और पूछताछ भी बढ़ी है।
हाल ही में नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट ने कहा है कि पर्यटकों की सुरक्षा के लिहाज से काफी सुरक्षित है। पर्यटकों के खिलाफ अपराध शून्य हैं। इसका भी देश के लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। होटल व्यवसायी से हाउसबोट मालिक तक हर कोई आगे आकर सकारात्मक कदम उठा रहा है ताकि पर्यटक यहां आएं। व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि इस समयए हम मुनाफा कमाना नहीं चाहते हैं, इसलिए हम अन्य पर्यटन स्थलों की तुलना में सर्वोत्तम दरों की पेशकश कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि यहां से एक संदेश बाहर जाए कि यहां सबकुछ ठीक है और पर्यटक बिना संशय यहां आ सकते हैं।
निगेटिव प्रमाणपत्र वालों को मिले अनुमति
एक अन्य व्यवसायी ने कहा कि कश्मीर आने वाले पर्यटकों का अनिवार्य कोविड परीक्षण भी एक बड़ी बाधा है। मसूरी और शिमला जैसे पर्यटन स्थलों पर यह व्यवस्था नहीं हैं। ऐसे में प्रशासन उन आगंतुकों को प्रवेश की अनुमति दे जो हाल ही में आरटी.पीसीआर परीक्षण से गुजर चुके हैं और उनके पास नकारात्मक होने का प्रमाण पत्र है।