चीन से तनाव के बीच सेना प्रमुख एमएम नरवणे मंगलवार दोपहर बाद दो दिवसीय दौरे पर लेह पहुंचे। सेनाध्यक्ष यहां पहुंचने के तत्काल बाद सैन्य अस्पताल में गलवां घाटी में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ हुए संघर्ष में चीन के सैनिकों को सबक सिखाने वाले जांबाजों से मिले। उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेते हुए उनका हौसला बढ़ाया। उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। बेहतरीन काम करने के लिए उनकी पीठ थपथपाई। साथ ही पीएलए सैनिकों की हर हरकत पर नजर रखने और एलएसी की सुरक्षा के लिए पूरी सतर्कता बरतने की हिदायत दी।
नरवणे दोपहर बाद लेह पहुंचे। सैन्य अस्पताल का दौरा करने के साथ ही उन्होंने 14वीं कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह व अन्य कमांडरों के साथ बैठक कर एलएसी के हालात की जानकारी ली। लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने उन्हें चीन की सेना के साथ अब तक हुई बातचीत का ब्योरा दिया। सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि शाम को लद्दाख के सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने सेना प्रमुख से मुलाकात कर एलएसी पर उत्पन्न हालात पर चर्चा की।
दौरे में सेना प्रमुख के साथ उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, फायर एंड फ्यूरी कोर (14वीं कोर) के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह भी थे। आज नरवणे पूर्वी लद्दाख में गलवां घाटी का भी दौरा कर हालात की जानकारी ले सकते हैं। वह चीन के साथ लगते एलएसी और पाकिस्तान से लगती एलओसी पर सुरक्षा तैयारियों और जवानों की तैनाती की भी जानकारी लेंगे।
संघर्ष के बाद भारत ने डेमचोक, गलवां और अन्य इलाकों में तैनाती बढ़ा दी है। इसके साथ ही ऑर्टिलरी भी बढ़ाई गई है। रोजाना श्रीनगर से टैंक भेजे जा रहे हैं। लड़ाकू विमान भी एलएसी पर लगातार गश्त कर रहे हैं।
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