लग्जरी लाइफ का शौकीन यह कातिल सात साल के मासूम रुद्राक्ष की जघन्य हत्या के बाद चेहरा बदलना चाहता था। उसने हुलिया बदलकर विदेश में बसने की तैयारी भी कर ली थी। इसके लिए कातिल कारोबारी अनूप पाडिया ने पुलिस को गुमराह करने के लिए सबसे पहले चंबल नदी में कूदकर खुदकुशी करने का सुसाइड नोट लिखा और इसे कमरे में छोड़कर अचानक लापता हो गया।
छह साल से फरार अपने भाई के पास छिपकर रहा
राजस्थान में कोटा शहर के तलवंडी क्षेत्र से 9 अक्टूबर 2014 को रुद्राक्ष अपहरण-हत्याकांड की वारदात के 19 दिन बाद कोटा पुलिस ने यूपी पुलिस के सहयोग से आरोपी अंकुर पाडिया को लखनउ से गिरफ्तार कर लिया था। वह लाखों रुपए की धोखाधड़ी व गबन के केस में छह साल से फरार अपने भाई अनूप पाडिया के पास छिपकर रह रहा था। आरोपी अनूप ने भी रुद्राक्ष के अपहरण व हत्या में अहम भूमिका निभाई थी। हत्यारे अंकुर का भाई अनूप लखनऊ में संतोष सिंह फर्जी नाम से मोबाइल शॉप मैनेजर का काम कर रहा था।
संदेह के घेरे में आने की भनक, अंकुर अचानक गायब हो गया
दोनों आरोपी भाई अंकुर व अनूप पाडिया तथा उनके नौकर महावीर व मोबाइल फोन की सिम उपलब्ध करवाने वाले करमजीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद तत्कालीन एडीजी क्राइम अजीत सिंह शेखावत और एसपी कोटा अमनदीप सिंह कपूर ने वारदात के तरीके का खुलासा किया था। जिसमें बताया था कि पुलिस के संदेह के घेरे में आने की भनक अंकुर को लग गई थी। इसके बाद अंकुर भी अचानक गायब हो गया। कोटा पुलिस तलाश करते हुए अंकुर के कमरे तक पहुंची जहां अंकुर का लिखा एक सुसाइड नोट मिला।
यह पत्र मिलने तक मेरी लाश चंबल नदी में डूब चुकी होगी
जिसमें कुछ यूं लिखा था कि कुछ लोगों ने जबरन दबाव डालकर गुमराह किया और उससे रुद्राक्ष का अपहरण करवाया, लेकिन मैंने रुद्राक्ष की हत्या नहीं की। यह पत्र मिलने तक मेरी लाश चंबल नदी में डूब चुकी होगी। इसके पीछे अंकुर का मकसद पुलिस को गुमराह करना था। ताकि फर्जी नाम व पते से कहीं और रहकर फरारी काट सके। पुलिस ने खुलासा किया कि फरारी के दौरान अंकुर पाडिया ने प्लास्टिक सर्जरी के जरिए चेहरे का हुलिया बदलने की साजिश रची।
चेहरे का हुलिया बदलने के लिए इंटरनेट सर्चिंग की मदद
चेहरे में बदलाव के लिए अंकुर ने इंटरनेट के जरिए सर्च किया। कुछ प्लास्टिक सर्जन से कंसल्ट कर जानकारी जुटाई। फरारी के दौरान ही अंकुर ने पगड़ी व ढाढ़ी मूंछ खरीद ली थी। जिसे उसके कब्जे से बरामद किया गया। पुलिस का मानना है कि वह सिख व्यक्ति का हुलिया भी बदलने की तैयारी में था। इसी तरह, कुछ दिनों बाद मामला शांत होने पर वह विदेश भागकर वहीं बसने की तैयारी में था। लेकिन वह कामयाब नहीं हो सका और पुलिस के हत्थे चढ़ गया।