कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से रेलवे स्टेशन पर छाई वीरानी किसी हद तक दूर होने वाली है। 12 सितंबर से गोरखपुर स्टेशन से होकर पांच और ट्रेनें चल जाएंगी, जबकि 11 ट्रेनें पहले से ही चल रही हैं। पांच और ट्रेनें चलने से लोगों का लखनऊ, कानपुर, दिल्ली और वाराणसी आना जाना आसान हो जाएगा। वहीं, प्लेटफार्म पर यात्रियों के खानपान के लिए दुकानें खुलने से भी रौनक आ जाएगी। तंगहाली से गुजर रहे वेंडर को आय होगी तो उनका आर्थिक संकट दूर होगा। परेशानी में चल रहे कुलियों को भी राहत मिल सकती है। रेल गाड़ियों का आवागमन बढ़ने से कुलियों को काम मिलेगा। वहीं, ऑटो और टैक्सी वालों का भी काम चल निकलने की उम्मीद जताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, रेल प्रशासन ने रेल गाड़ियों के संचालन की तैयारियां शुरू कर दी हैं। दो ट्रेनें प्लेटफॉर्म नंबर एक से चलाई जाएंगी, जबकि अन्य तीन ट्रेनों को प्लेटफॉर्म तीन और पांच से चलाने की योजना है। एक-दो दिन में इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। रविवार को अधिकारियों ने प्लेटफार्म का निरीक्षण किया। इसके बाद काफी देर तक मंथन चलता रहा। तय किया गया कि प्लेटफार्म नंबर सात, आठ और नौ से अभी ट्रेनें नहीं चलाई जाएंगी। प्लेटफार्म नंबर एक को खोला जाएगा। यहां से दो ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। स्टेशन प्रबंधक ने बताया कि प्लेटफार्म नंबर एक, दो, तीन से ट्रेनें चलेंगी। रन थ्रू वाली ट्रेनें प्लेटफार्म तीन, चार और पांच से चलाई जा सकती हैं। जल्द ही शेड्यूल तय कर लिया जाएगा।
खानपान के स्टॉल भी खुलेंगे
कोरोना संकट की वजह से 22 मार्च से ही ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया था। इसके बाद जून से कुछ विशेष ट्रेनें चलाई गईं, लेकिन प्लेटफार्म पर वेंडर को अनुमति नहीं मिली। इस वजह से वेंडरों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया। अब रेलवे प्रशासन ने प्लेटफॉर्म नंबर एक, पांच और छह पर बंद पड़े खानपान के कुछ स्टॉल खोलने का निर्णय लिया है। इससे इन दुकानदारों को काफी राहत मिलेगी। वहीं, यात्रियों को भी खानपान में असुविधा नहीं होगी।
कुलियों को भी मिलेगी राहत
कोरोना की वजह से ट्रेनें बंद हो जाने से कुलियों का काम एकदम बंद हो गया। जून से कुछ ट्रेनें चलीं तो सही, लेकिन इससे सभी को उतनी आमदनी नहीं हो पा रही, जिससे उनका गुजारा चल सके। गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे कुलियों को पांच और ट्रेनें चलने से काफी राहत मिल सकती है। यात्रियों का आवागमन बढ़ने से उन्हें काम मिलेगा तो उनकी आय भी बढ़ेगी।
ऑटो-टैक्सी वाले भी होंगे लाभान्वित
स्टेशन पर ट्रेनों की संख्या बढ़ने से यात्रियों का आवागमन बढ़ेगा। इससे ऑटो और टैक्सी वालों को भी काम मिलेगा। कुलियों और वेंडरों की तरह इनका भी धंधा कोरोना ने छीन लिया है। अब इन्हें भी राहत की उम्मीद दिख रही है। यात्रियों की संख्या बढ़ने से स्थानीय स्तर पर यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के बाद यह भी अपना आर्थिक संकट दूर कर पाएंगे।