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दरअसल, कारोबारियों को राहत देते हुए सरकार ने जीएसटी कानून के ‘रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म’, टीडीएस व टीसीएस संबंधी प्रावधानों को एक बार फिर टालने का फैसला किया है। अब जीएसटी कानून के ये तीन विवादित प्रावधान अब 30 सितंबर तक लागू नहीं होंगे। आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा भी केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) अधिनियम, 2017 के तहत धारा 9 (4) और एकीकृत माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 5 (4) को 30 सितंबर तक स्थगित करने के लिए अधिसूचना जारी की है। इसके अलावा, एसजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 51 के तहत स्रोत पर कर (टीडीएस) की कटौती और एसजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 52 के तहत स्रोत पर कर संग्रहण (टीसीएस) के प्रावधानों पर भी 30 सितंबर, 2018 तक रोक लगा दी गई है।
उल्लेखनीय है कि सीजीएसटी और एसजीएसटी कानून की धारा 9 (4) के तहत ‘रिवस चार्ज मैकेनिज्म’ का प्रावधान है, लेकिन इसके क्रियान्वयन को लेकर छोटे और बड़े व्यापारियों को आपत्ति रही है। यही वजह है कि जीएसटी काउंसिल ने छह अक्टूबर को हुई बैठक में ‘रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म’ के नियम को 31 मार्च 2018 तक और इसके बाद 10 मार्च, 2018 को हुई बैठक में इसे 30 जून तक टालने का फैसला किया गया था। हालांकि इसे लेकर अब भी स्थिति अनुकूल नहीं है, इसलिए यह प्रावधान 30 सितंबर तक निलंबित रखने का फैसला किया गया है।
क्या है ‘रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म’
‘रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म’ का मतलब है कि अगर कोई पंजीकृत व्यापारी किसी अपंजीकृत व्यापारी से एक दिन में पांच हजार रुपये से अधिक का सामान खरीदता है या सेवा प्राप्त करता है तो जीएसटी जमा करने की जिम्मेदारी पंजीकृत व्यापारी की होगी। उन्हें अपने बही-खातों में इसे दर्ज करते हुए जीएसटी का भुगतान खुद ही करना होगा। यह बात अलग है कि बाद में उन्हें इसका इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल सकता है।