व्हाट्सएप पर बच्चों के गुमशुदा होने के अनेक मैसेज आते हैं। कई बार लोग इनको देखते हैं लेकिन आगे नहीं भेजते। पर इस खबर को पढ़ने के बाद आप ऐसा नहीं करेंगे!
व्हाट्सएप में बच्चों के गुमशुदा होने के अनेक मैसेज आते हैं। लोग इनको देखते हैं तथा मदद के लिए इनको आगे भी भेजते हैं। हालांकि कई मैसेज कई-कई साल पुराने तथा रिपीट हुए भी होते हैं, मगर यहां व्हाट्सएप पर किए एक मैसेज ने एक गुमशुदा बच्चे को अपने माता-पिता से मिलवा दिया।
मामला हरियाणा के नारनौल का है, बस स्टैंड नारनौल पर 3 अप्रैल को रात 11 बजे मोहम्मद आरिस नाम का एक बच्चा एसआई मीनाक्षी की टीम को गश्त करते हुए मिला था। उन्होंने जिला बाल कल्याण परिषद नारनौल में आकर परिषद द्वारा चलाए जा रहे ओपन शेल्टर होम के परियोजना निदेशक तरुण कुमार यादव से संपर्क किया। उनके दिशा-निर्देश अनुसार गुमशुदा बच्चे को ओपन शेल्टर होम बाल भवन नारनौल में रखा गया था।
बोलने और सुनने में असमर्थ था बच्चा
यह गुमशुदा बच्चा सुनने और बोलने में असमर्थ था। पुलिस, जिला बाल संरक्षण इकाई व ओपन शेल्टर होम नारनौल के संयुक्त प्रयास से व्हाट्सएप के माध्यम से बच्चे की गुमशुदा होने की जानकारी विभिन्न ग्रुप में डाली। जिसके उपरांत 4 अप्रैल को सांय 4 बजे मुबीन खान मेंबर बाल कल्याण समिति नूहं ने बाल कल्याण समिति नारनौल को सूचित किया कि इस बच्चे के अभिभावक उनके संपर्क में हैं।
बच्चे का नाम मोहम्मद आरिस पुत्र फजर है व गांव नावली तहसील फिरोजपुर झिरका मेवात का रहने वाला है। इसके बाद बुधवार को बच्चे को उसके माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में उन्हें सौंप दिया। इस मौके पर तरुण यादव परियोजना निदेशक ओपन शैल्टर होम नारनौल, संदीप सिंह जिला बाल संरक्षण अधिकारी नारनौल तथा सुशील कुमार मेंबर बाल कल्याण समिति नारनौल व अन्य सदस्य उपस्थित रहे।